भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"जहीर कुरैशी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
छो |
|||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
|जन्म= 05 अगस्त 1950 | |जन्म= 05 अगस्त 1950 | ||
|जन्मस्थान= चंदेरी, ज़िला गुना, मध्य प्रदेश, भारत | |जन्मस्थान= चंदेरी, ज़िला गुना, मध्य प्रदेश, भारत | ||
− | |कृतियाँ= लेखनी के स्वप्न (1975), एक टुकड़ा धूप (1979), [[चांदनी का | + | |कृतियाँ= लेखनी के स्वप्न (1975), एक टुकड़ा धूप (1979), [[चांदनी का दु:ख / जहीर कुरैशी | चांदनी का दु:ख ]](1986), [[समंदर ब्याहने आया नहीं है / जहीर कुरैशी | समंदर ब्याहने आया नहीं है]](1992), [[भीड़ में सबसे अलग / जहीर कुरैशी| भीड़ में सबसे अलग]] (2003) |
|विविध= | |विविध= | ||
|अंग्रेज़ीनाम=Jaheer Kureshi, Qureshi, Quraishi, Zaheer | |अंग्रेज़ीनाम=Jaheer Kureshi, Qureshi, Quraishi, Zaheer |
21:08, 23 अगस्त 2009 का अवतरण
जहीर कुरैशी
जन्म | 05 अगस्त 1950 |
---|---|
जन्म स्थान | चंदेरी, ज़िला गुना, मध्य प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
लेखनी के स्वप्न (1975), एक टुकड़ा धूप (1979), चांदनी का दु:ख (1986), समंदर ब्याहने आया नहीं है(1992), भीड़ में सबसे अलग (2003) | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
जहीर कुरैशी / परिचय |
- भीड़ में सबसे अलग / जहीर कुरैशी (ग़ज़ल संग्रह)
- समंदर ब्याहने आया नहीं है / जहीर कुरैशी (ग़ज़ल-संग्रह)
- चांदनी का दु:ख / जहीर कुरैशी (ग़ज़ल-संग्रह)
- वे शायरों की कलम बेज़ुबान कर देंगे / जहीर कुरैशी
- अँधेरे की सुरंगों से निकल कर / जहीर कुरैशी
- घर छिन गए तो सड़कों पे बेघर बदल गए / जहीर कुरैशी
- सब की आँखों में नीर छोड़ गए / जहीर कुरैशी
- हमारे भय पे पाबंदी लगाते हैं / जहीर कुरैशी
- उन्हें देखा गया खिलते कमल तक / जहीर कुरैशी
- दबंगों की अनैतिकता अलग है / जहीर कुरैशी
- आँखों की कोर का बडा हिस्सा तरल मिला / जहीर कुरैशी
- सपने अनेक थे तो मिले स्वप्न-फल अनेक / जहीर कुरैशी
- चित्रलिखित मुस्कान सजी है चेहरों पर / जहीर कुरैशी
- गगन तक मार करना आ गया है / जहीर कुरैशी
- मुस्कुराना भी एक चुम्बक है / जहीर कुरैशी
- फूल के बाद, फलना ज़रूरी लगा / जहीर कुरैशी