भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"निश्तर ख़ानक़ाही" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
पंक्ति 22: | पंक्ति 22: | ||
* [[अनजाने हादसात का खटका लगा रहा / निश्तर ख़ानक़ाही]] | * [[अनजाने हादसात का खटका लगा रहा / निश्तर ख़ानक़ाही]] | ||
* [[सौ बार लौह-ए-दिल से मिटाया गया मुझे / निश्तर ख़ानक़ाही]] | * [[सौ बार लौह-ए-दिल से मिटाया गया मुझे / निश्तर ख़ानक़ाही]] | ||
− | * [[संदल के सर्द जंगल से आ-आ के थक गई हवा / | + | * [[संदल के सर्द जंगल से आ-आ के थक गई हवा / निश्तर ख़ानक़ाही]] |
+ | |संग्रह= | ||
+ | |||
* [[एक पल ताअल्लुक का वो भी सानेहा जैसा / निश्तर ख़ानक़ाही]] | * [[एक पल ताअल्लुक का वो भी सानेहा जैसा / निश्तर ख़ानक़ाही]] | ||
* [[अपने ही खेत की मट्टी से जुदा हूँ मैं तो / निश्तर ख़ानक़ाही]] | * [[अपने ही खेत की मट्टी से जुदा हूँ मैं तो / निश्तर ख़ानक़ाही]] | ||
</sort> | </sort> |
09:21, 19 सितम्बर 2011 का अवतरण
निश्तर ख़ानक़ाही
जन्म | 1930 |
---|---|
जन्म स्थान | बिजनौर, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
पाँच ग़ज़ल-संग्रह | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
निश्तर ख़ानक़ाही / परिचय |
<sort order="asc" class="ul">
- धड़का था दिल कि प्यार का मौसम गुज़र गया / निश्तर ख़ानक़ाही
- आप अपनी आग के शोलों में जल जाते थे लोग / निश्तर ख़ानक़ाही
- क्यों बयाबाँ बयाबाँ भटकता फिरा / निश्तर ख़ानक़ाही
- तेज़ रौ पानी की तीख़ी धार पर चलते हुए / निश्तर ख़ानक़ाही
- न मिल सका कहीं ढूँढ़े से भी निशान मेरा / निश्तर ख़ानक़ाही
- अनजाने हादसात का खटका लगा रहा / निश्तर ख़ानक़ाही
- सौ बार लौह-ए-दिल से मिटाया गया मुझे / निश्तर ख़ानक़ाही
- संदल के सर्द जंगल से आ-आ के थक गई हवा / निश्तर ख़ानक़ाही
|संग्रह=
- एक पल ताअल्लुक का वो भी सानेहा जैसा / निश्तर ख़ानक़ाही
- अपने ही खेत की मट्टी से जुदा हूँ मैं तो / निश्तर ख़ानक़ाही
</sort>