भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"परवीन शाकिर" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) छो |
|||
पंक्ति 50: | पंक्ति 50: | ||
* [[सब्ज़ मद्धम रोशनी में / परवीन शाकिर]] | * [[सब्ज़ मद्धम रोशनी में / परवीन शाकिर]] | ||
* [[वो तो ख़ुशबू है / परवीन शाकिर]] | * [[वो तो ख़ुशबू है / परवीन शाकिर]] | ||
+ | * [[तुझसे तो कोई गिला नहीं है/ परवीन शाकिर]] | ||
+ | * [[बदन तक मौजे-ख़्वाब आनेको है फ़िर/ परवीन शाकिर]] |
21:49, 29 जुलाई 2007 का अवतरण
परवीन शाकिर की रचनाएँ
परवीन शाकिर
जन्म | 24 नवम्बर 1952 |
---|---|
निधन | 26 दिसम्बर 1994 |
जन्म स्थान | कराची, पाकिस्तान |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
खुशबू, सद-बर्ग, ख़ुद-कलामी, इन्कार, माहे-तमाम | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
परवीन शाकिर / परिचय |
- शाम आयी तेरी यादों के / परवीन शाकिर
- चेहरा मेरा था निगाहें उस की / परवीन शाकिर
- प्यार / परवीन शाकिर
- गुमान / परवीन शाकिर
- तेरी ख़ुश्बू का पता करती है / परवीन शाकिर
- बारिश हुई तो / परवीन शाकिर
- खुली आँखों में / परवीन शाकिर
- पूरा दुख और आधा चाँद / परवीन शाकिर
- उसने फूल भेजे हैं / परवीन शाकिर
- उलझन / परवीन शाकिर
- उस वक़्त / परवीन शाकिर
- उसके मसीहा के लिए / परवीन शाकिर
- एक मंज़र / परवीन शाकिर
- एक पैग़ाम / परवीन शाकिर
- एक दफ़नाई हुई आवाज़ / परवीन शाकिर
- तुम्हारी ज़िन्दगी में / परवीन शाकिर
- यासिर अराफ़ात के लिए / परवीन शाकिर
- वह बाग़ में मेरा मुंतज़िर था / परवीन शाकिरो
- अपनी रुसवाई तेरे नाम / परवीन शाकिर
- बादबाँ खुलने से पहले का / परवीन शाकिर
- दश्त-ए-शब पर दिखाई क्या देंगी / परवीन शाकिर
- दिल का क्या है वो तो चाहेगा / परवीन शाकिर
- हमारे दरमियाँ / परवीन शाकिर
- इसी में ख़ुश हूँ / परवीन शाकिर
- जुस्तजू खोये हुओं की / परवीन शाकिर
- करिया-ए-जाँ में कोई फूल खिलाने आये / परवीन शाकिर
- खुलेगी इस नज़र पे / परवीन शाकिर
- ख़ुश्बू है वो तो / परवीन शाकिर
- कुछ फ़ैसला तो हो / परवीन शाकिर
- कुछ तो हवा भी सर्द थी / परवीन शाकिर
- कू-ब-कू फैल गई बात / परवीन शाकिर
- मंज़र है वही ठठक रही हूँ / परवीन शाकिर
- मुश्किल है अब शहर में / परवीन शाकिर
- रुकने का समय गुज़र गया है / परवीन शाकिर
- सुंदर कोमल सपनों की बारात / परवीन शाकिर
- सब्ज़ मद्धम रोशनी में / परवीन शाकिर
- वो तो ख़ुशबू है / परवीन शाकिर
- तुझसे तो कोई गिला नहीं है/ परवीन शाकिर
- बदन तक मौजे-ख़्वाब आनेको है फ़िर/ परवीन शाकिर