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"गुजराती लोकगीत" के अवतरणों में अंतर
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08:44, 24 फ़रवरी 2010 का अवतरण
वान्ना वगडा न वायरा वायरे,
कन्ने घूमरियो घुम तो गायरे,
रासे रमे, रासे रमे,
गोप गोपियों नी संग,
जामयो वृन्दावन ने मार गड़े रंग,
वान्ना वगडा न वायरा वायरे,
कन्ने घुमरिया घूम तो गायरे.
घेरी घेरी, घेरी घेरी,
एनी वागे मुरलियो,
गौरी गौरी राधा ने,
सुंदर श्यामडियो,
वान्ना वगडा न वायरा वायरे,
कन्ने घुमरिया घूम तो गायरे.
- पंखिडा रे उड़ी जाजे पावागढ़ रे / गुजराती लोक गरबा
- तारा विना श्याम मने एकलडु लागे / गुजराती लोक गरबा
- महेंदी ते वावी मालवे ने / गुजराती लोक गरबा
- नागर नंदजी ना लाल /गुजराती लोक गरबा
- मारी महिसागर नी आरे ढोल/गुजराती लोक गरबा
- भूलो भले बीजू बधू / गुजराती लोक कविता
- खम्मा मारा नंदजी ना लाल / गुजराती लोक गरबा
- चपटी भरी चोखा / गुजराती लोक गरबा
- साथिया पुरावो / गुजराती लोक गरबा
- वा वाया ने वादळ उमट्या / गुजरती लोक गरबा
- मुने एकली जानी ने / गुजराती लोक गरबा
- माथे मटुक्डी महिनी गोरी / गुजराती लोक गरबा
- सोना वाटकडी रे केसर घोल्या / गुजराती लोक गरबा
- अमे महियारा रे गोकुल गाम ना / गुजराती लोक गरबा
- झूलन मोरली वागी रे राजा ना कुंवर /गुजराती लोक गरबा
- वान्ना वगडा न वायरा वायरे, / गुजराती