भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
श्रेणी:कुण्डलियाँ
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:54, 11 सितम्बर 2016 का अवतरण ("श्रेणी:कुण्डलियाँ" सुरक्षित कर दिया ([संपादन=केवल प्रबन्धकों को अनुमति दें] (अनिश्चितकालीन) [स्थ)
कुण्डलियाँ मात्रिक छंद है। एक दोहा और एक रोला मिला कर कुण्डलियाँ बनती है। दोहे का अंतिम चरण ही रोला का प्रथम चरण होता है तथा जिस शब्द से कुण्डलियाँ का आरम्भ होता है, उसी शब्द से कुण्डलियाँ छंद समाप्त भी होता है।