विद्यापति ठाकुर
जन्म | 1380 |
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निधन | 1460 |
जन्म स्थान | ग्राम बिसपी, मधुबनी, बिहार, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विद्यापति की पदावली, कीर्तिलता, कीर्तिपताका, पुरुष परीक्षा, भू-परिक्रमा, लिखनावली, पदावली | |
विविध | |
विद्यापति ने संस्कृत, अवहट्ट और मैथिली तीन भाषाओँ में रचना की हैं | |
जीवन परिचय | |
विद्यापति / परिचय |
संग्रह
प्रतिनिधि रचनाएँ
- षटपदी / विद्यापति
- आदरें अधिक काज नहि बंध / विद्यापति
- सैसव जौवन दुहु मिल गेल / विद्यापति
- ससन-परस रबसु अस्बर रे देखल धनि देह / विद्यापति
- जाइत पेखलि नहायलि गोरी / विद्यापति
- जाइत देखलि पथ नागरि सजनि गे / विद्यापति
- जखन लेल हरि कंचुअ अचोडि / विद्यापति
- मानिनि आब उचित नहि मान / विद्यापति
- कुच-जुग अंकुर उतपत् भेल / विद्यापति
- कान्ह हेरल छल मन बड़ साध / विद्यापति
- कंटक माझ कुसुम परगास / विद्यापति
- कुंज भवन सएँ निकसलि / विद्यापति
- आहे सधि आहे सखि / विद्यापति
- सामरि हे झामरि तोर दहे / विद्यापति
- कि कहब हे सखि रातुक / विद्यापति
- आजु दोखिअ सखि बड़ / विद्यापति
- कामिनि करम सनाने / विद्यापति
- नन्दनक नन्दन कदम्बक / विद्यापति
- अम्बर बदन झपाबह गोरि / विद्यापति
- चन्दा जनि उग आजुक / विद्यापति
- ए धनि माननि करह संजात / विद्यापति
- माधव ई नहि उचित विचार / विद्यापति
- सजनी कान्ह कें कहब बुझाइ / विद्यापति
- अभिनव पल्लव बइसंक देल / विद्यापति
- अभिनव कोमल सुन्दर पात / विद्यापति
- सरसिज बिनु सर सर / विद्यापति
- लोचन धाय फोघायल / विद्यापति
- आसक लता लगाओल सजनी / विद्यापति
- जौवन रतन अछल दिन चारि / विद्यापति
- के पतिआ लय जायत रे / विद्यापति
- चानन भेल विषम सर रे / विद्यापति
- भूइयां के गीत / विद्यापति
- विबाहक गीत / विद्यापति
- बिरह गीत / विद्यापति
- बिसरही गीत / विद्यापति
- भजन / विद्यापति
- भगता गीत / विद्यापति
- भगबती गीत / विद्यापति
- भगबान गीत / विद्यापति
- बटगमनी / विद्यापति
- बारहमासा / विद्यापति
- जनम होअए जनु / विद्यापति
- गीत / विद्यापति
- जय- जय भैरवि असुर भयाउनि / विद्यापति
- गंगा-स्तुति / विद्यापति
- बसंत-शोभा / विद्यापति
- सखि,कि पुछसि अनुभव मोय / विद्यापति
- सखि हे हमर दुखक नहिं ओर / विद्यापति
- सुनु रसिया अब न बजाऊ / विद्यापति
- माधव कत तोर / विद्यापति
- माधव हम परिणाम निराशा / विद्यापति
- उचित बसए मोर / विद्यापति
- गौरी के वर देखि बड़ दुःख / विद्यापति
- जगत विदित बैद्यनाथ / विद्यापति
- जोगिया मोर जगत सुखदायक / विद्यापति
- बड़ अजगुत देखल तोर / विद्यापति
- हम जुवती पति गेलाह / विद्यापति
- नव यौवन अभिरामा / विद्यापति
- सासु जरातुरि भेली / विद्यापति
- आजु नाथ एक व्रत / विद्यापति
- हम एकसरि, पिअतम नहि गाम / विद्यापति
- बड़ि जुड़ि एहि तरुक छाहरि / विद्यापति
- परतह परदेस, परहिक आस / विद्यापति
मैथिली रचनाएँ
- आदरे अधिक काज नहि बन्ध / विद्यापति
- वसन्त-चुमाओन / विद्यापति
- रूप-गौरव / विद्यापति
- अभिसार / विद्यापति
- शान्ति पद / विद्यापति
भक्तिकालीन रचनाकार | ||
ज्ञानाश्रयी शाखा | कबीर • रैदास • मलूकदास • दादू दयाल • गुरु नानकदेव • सुंदरदास • धनी धरमदास | |
प्रेमाश्रयी शाखा | कुतबन • मंझन • मलिक मोहम्मद जायसी • उसमान • शेख नबी • कासिमशाह • नूर मुहम्मद | |
रामाश्रयी शाखा | तुलसीदास • अग्रदास • प्राणचंद चौहान • हृदयराम | |
कृष्णाश्रयी शाखा | वल्लभाचार्य • अष्टछाप ( सूरदास • कुम्भनदास • परमानंददास • कृष्णदास • छीतस्वामी • गोविन्दस्वामी • चतुर्भुजदास • नंददास ) • हितहरिवंश • गदाधर भट्ट • मीराबाई • हरिदास • सूरदास मदनमोहन • श्रीभट्ट • हरिराम व्यास • रसखान • ध्रुवदास |
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अन्य कवि | छीहल • लालचदास • कृपाराम • नरहरि बंदीजन • नरोत्तमदास • आलम • टोडरमल • बीरबल • गँग • मनोहर कवि • बलभद्र मिश्र • जमाल • केशवदास • होलराय • रहीम • कादिर • मुबारक • बनारसीदास • सेनापति • पुहकर कवि • सुँदर • लाल कवि | |