गीत गामऽ के

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| रचनाकार | श्रीस्नेही | 
|---|---|
| प्रकाशक | मायाविनी प्रकाशन, भागलपुर | 
| वर्ष | 1978 | 
| भाषा | अंगिका | 
| विषय | |
| विधा | गीत | 
| पृष्ठ | 44 | 
| ISBN | |
| विविध | 
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- मनॉन / श्रीस्नेही
 - गाँव भारथऽ के / श्रीस्नेही
 - देश हमरऽ हो भाय / श्रीस्नेही
 - जिला भागलपुर हो भाय / श्रीस्नेही
 - मेला बौंसी के / श्रीस्नेही
 - झलमल झड़ोखा के... / श्रीस्नेही
 - बिहानकऽ सुरुज / श्रीस्नेही
 - ऐलै फागुन के... / श्रीस्नेही
 - हु-हु पछिया बयार / श्रीस्नेही
 - बाग रे बगिचबा / श्रीस्नेही
 - फागुन पहुनमा / श्रीस्नेही
 - चलें काट धनमा / श्रीस्नेही
 - मौसम ऐलै हो... / श्रीस्नेही
 - खेतऽ रऽ पूजा / श्रीस्नेही
 - जलखय बेराँ मनऽ के / श्रीस्नेही
 - नाची रे नाचौ ना / श्रीस्नेही
 - खायलेॅ-खायलेॅ महादेव / श्रीस्नेही
 - धरती के हम्में बेटा / श्रीस्नेही
 - गीत गामऽ रऽ / श्रीस्नेही
 - सोर हऽ / श्रीस्नेही
 - चान मामा आरे आ / श्रीस्नेही
 - ओरहा पकैवैना / श्रीस्नेही
 - झरना मेला / श्रीस्नेही
 - होरी / श्रीस्नेही
 - कोभेॅ रऽ / श्रीस्नेही
 - दुल्हैनी के चिट्ठी... / श्रीस्नेही
 - दुल्हा के चिट्ठी... / श्रीस्नेही
 - मछुआ गीत / श्रीस्नेही
 - हमरा लेॅ दोनों बराबरे / श्रीस्नेही
 - हमरा केकरो नै डऽर / श्रीस्नेही
 - कथिलेॅ बोलबऽ चुप्पेॅ छी / श्रीस्नेही
 - झूमर / श्रीस्नेही
 - वसंत ऐलै हो / श्रीस्नेही
 - हैं वसंत केकरा लेॅ? / श्रीस्नेही
 - झूमर वहार / श्रीस्नेही
 - परछन / श्रीस्नेही
 - बम बम भोले / श्रीस्नेही
 - जन गण मन / श्रीस्नेही