भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मैं कहाँ चला गया / नासिर काज़मी
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:08, 16 नवम्बर 2007 का अवतरण
मैं कहाँ चला गया
रचनाकार | नासिर काज़मी |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | 166 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- होती है तेरे नाम से वहशत कभी कभी / नासिर काज़मी
- इश्क़ में जीत हुई या मात / नासिर काज़मी
- जब से देखा है तिरे हाथ का चाँद / नासिर काज़मी
- कौन इस राह से गुज़रता है / नासिर काज़मी
- आँखों में हैं दुख भरे फ़साने / नासिर काज़मी
- पहुँचे गोर किनारे हम / नासिर काज़मी
- रंग बरसात ने भरे कुछ तो / नासिर काज़मी
- ख़त्म हुआ तारों का राग / नासिर काज़मी
- क़हर से देख न हर आन मुझे / नासिर काज़मी
- रौनकें थीं जहाँ में क्या-क्या कुछ / नासिर काज़मी