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(तारा सिंह की रचनाएँ)
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|जन्म=10 अक्तूबर 1952
 
|जन्म=10 अक्तूबर 1952
 
|जन्मस्थान=भारत
 
|जन्मस्थान=भारत
|कृतियाँ=एक बूँद की प्यासी, सिसक रही दुनिया, एक दीप जला लेना, साँझ भी हुई तो कितनी धुँधली,एक पालकी चार कहार, हम पानी में भी खोजते रंग, रजनी में भी खिली रहूँ किस आस पर, अब तो ठंढी हो चली जीवन की राख, यह जीवन प्रातः  समीरण सा लघु है प्रिये, तम की धार पर डोलती जगती की नौका
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|कृतियाँ=एक बूँद की प्यासी, सिसक रही दुनिया, एक दीप जला लेना, साँझ भी हुई तो कितनी धुँधली,एक पालकी चार कहार, हम पानी में भी खोजते रंग, रजनी में भी खिली रहूँ किस आस पर, अब तो ठंढी हो चली जीवन की राख, यह जीवन प्रातः  समीरण सा लघु है प्रिये, तम की धार पर डोलती जगती की नौका,विषाद नदी से उठ रही ध्वनि
 
|विविध=फिल्मी गीत -हिन्दी फिल्म 'सिपाही जी' के लिए टायटिल गीत, सहयोगी  काव्य - संकलन प्रकाशित  -- २०, जीवन वृत्  प्रकाशित--  एफ्रो  एशियन  हूज  हू खंड १ एवं एशिया पॅशिफिक खंद ६ में प्रकाशित।
 
|विविध=फिल्मी गीत -हिन्दी फिल्म 'सिपाही जी' के लिए टायटिल गीत, सहयोगी  काव्य - संकलन प्रकाशित  -- २०, जीवन वृत्  प्रकाशित--  एफ्रो  एशियन  हूज  हू खंड १ एवं एशिया पॅशिफिक खंद ६ में प्रकाशित।
 
|जीवनी=[[तारा सिंह / परिचय]]
 
|जीवनी=[[तारा सिंह / परिचय]]

12:50, 4 जनवरी 2007 का अवतरण

तारा सिंह की रचनाएँ

तारा सिंह
Tara.jpg
जन्म 10 अक्तूबर 1952
निधन
उपनाम
जन्म स्थान भारत
कुछ प्रमुख कृतियाँ
एक बूँद की प्यासी, सिसक रही दुनिया, एक दीप जला लेना, साँझ भी हुई तो कितनी धुँधली,एक पालकी चार कहार, हम पानी में भी खोजते रंग, रजनी में भी खिली रहूँ किस आस पर, अब तो ठंढी हो चली जीवन की राख, यह जीवन प्रातः समीरण सा लघु है प्रिये, तम की धार पर डोलती जगती की नौका,विषाद नदी से उठ रही ध्वनि
विविध
फिल्मी गीत -हिन्दी फिल्म 'सिपाही जी' के लिए टायटिल गीत, सहयोगी काव्य - संकलन प्रकाशित -- २०, जीवन वृत् प्रकाशित-- एफ्रो एशियन हूज हू खंड १ एवं एशिया पॅशिफिक खंद ६ में प्रकाशित।
जीवन परिचय
तारा सिंह / परिचय
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