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रोके दाल्तोन
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रोके दाल्तोन
जन्म | 14 मई 1935 |
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निधन | 10 मई 1975 |
उपनाम | Roque Dalton García |
जन्म स्थान | सान सल्वादोर, एल सल्वादोर |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
मैं पक्षियों की बगल में (1957), चेहरे की खिड़की (1961), समुद्र (1962), अपराधी की बारी (1962), गवाही (1964), चुनी हुई कविताएँ (1968), सराय और अन्य स्थान (1969) छोटे नरक (1970) — सभी कविता-सँग्रह | |
विविध | |
एल सल्वादोर में छापेमार क्रान्तिकारी जनसेना के संस्थापक। अमेरिकी पिता और सल्वादोरी माँ की सन्तान। 1960 में क्रान्तिकारी गतिविधियों के लिए मृत्युदण्ड। बाद में सज़ा माफ़ कर दी गई और सल्वादोर को देशनिकाला दे दिया गया। 1964 में रोके दोल्तोन गुप्त रूप से सल्वादोर लौट आए और फिर से गिरफ़्तार कर लिए गए। अदालत ने उन्हें फिर से मृत्युदण्ड की सज़ा सुनाई। लेकिन इस बार सल्वादोर में भारी भूकम्प आया और भूकम्प की अफ़रा-तफ़री में रोके दोल्तोन क्यूबा भाग गए, जहाँ उन्होंने क्यूबा की एक लड़की से विवाह कर लिया, जिससे उन्हें तीन बच्चे हुए। ’रेविएस्टा इण्टरनेशनल’ नामक पत्रिका के सम्पादक रहे। फ़िदेल कास्त्रो के गहरे मित्र थे। 1973 में फिर से एल सल्वादोर लौटे। उन्हें फिर से गिरफ़्तार कर लिया गया और 1975 में उनपर देशद्रोह का अभियोग लगाकर उन्हें गोली मार दी गई। रोके दोल्तोन एल सल्वादोर के सबसे महत्वपूर्ण कवि माने जाते हैं। आज उनकी कविताओं को राष्ट्रीय विरासत समझा जाता है। | |
जीवन परिचय | |
रोके दाल्तोन / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
असद ज़ैदी द्वारा अनूदित
राजेश चन्द्र द्वारा अनूदित
- कानून बनते ही इसीलिए हैं / रोके दाल्तोन / राजेश चन्द्र
- हक़ीक़त / रोके दाल्तोन / राजेश चन्द्र
- रात के न्यून घण्टे / रोके दाल्तोन / राजेश चन्द्र
- रात के अन्तिम प्रहर / रोके दाल्तोन / राजेश चन्द्र
- तुम्हारी तरह / रोके दाल्तोन / राजेश चन्द्र
- सिरदर्दी / रोके दाल्तोन / राजेश चन्द्र
अनिल जनविजय द्वारा अनूदित
- लातिनी अमेरिका में कैथोलिक और कम्युनिस्ट समस्या / रोके दाल्तोन / अनिल जनविजय
- प्रेम कविता / रोके दाल्तोन / अनिल जनविजय
- मैं तुम्हें बताता हूँ / रोके दाल्तोन / अनिल जनविजय
- योद्धाओं की विश्राम भूमि / रोके दाल्तोन / अनिल जनविजय
- अमेरिकी देशों का संगठन —ओ०ए०एस० / रोके दाल्तोन / अनिल जनविजय
- मुसीबत की तलाश / रोके दाल्तोन / अनिल जनविजय
उज्ज्वल भट्टाचार्य द्वारा अनूदित
कविता कृष्णपल्लवी द्वारा अनूदित