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- संचित है विष और सुधा का मेरा अपना सागर मंथन / वीरेंद्र मिश्र (← कड़ियाँ)
- आस को रोकना / वीरेंद्र मिश्र (← कड़ियाँ)
- तुम जो कंचन हो, मैं जो रजकन हूँ / वीरेंद्र मिश्र (← कड़ियाँ)
- दीप में कितनी जलन है / वीरेंद्र मिश्र (← कड़ियाँ)
- गीत नहीं है भीख कि जिसका निश्चित कोई दाता हो / वीरेंद्र मिश्र (← कड़ियाँ)
- तानसेन की नगरी से जो गीत सन्देसा बनकर आए / वीरेंद्र मिश्र (← कड़ियाँ)
- मेरे गीतम आरोहों में, स्वर-गंगा ख़ुद ही उतरी है / वीरेंद्र मिश्र (← कड़ियाँ)
- तू दुखी है, मैं दुखी हूँ, यह निकट परिचय हमारा / वीरेंद्र मिश्र (← कड़ियाँ)
- तुमने मधुवन बसा लिया है, मेरे दृग के नदी किनारे / वीरेंद्र मिश्र (← कड़ियाँ)
- तुमने हमें बुलाया साथी जब हो गए पराए हम / वीरेंद्र मिश्र (← कड़ियाँ)