भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मैं कहाँ चला गया / नासिर काज़मी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) छो |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
+ | {{KKGlobal}} | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
|रचनाकार=नासिर काज़मी | |रचनाकार=नासिर काज़मी | ||
}} | }} | ||
− | |||
{{KKPustak | {{KKPustak | ||
|चित्र=-- | |चित्र=-- | ||
|नाम=मैं कहाँ चला गया | |नाम=मैं कहाँ चला गया | ||
|रचनाकार=[[नासिर काज़मी]] | |रचनाकार=[[नासिर काज़मी]] | ||
− | |प्रकाशक= | + | |प्रकाशक=-- |
|वर्ष= -- | |वर्ष= -- | ||
|भाषा=-- | |भाषा=-- |
02:01, 17 नवम्बर 2007 का अवतरण
मैं कहाँ चला गया
रचनाकार | नासिर काज़मी |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | 166 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- होती है तेरे नाम से वहशत कभी कभी / नासिर काज़मी
- इश्क़ में जीत हुई या मात / नासिर काज़मी
- जब से देखा है तिरे हाथ का चाँद / नासिर काज़मी
- कौन इस राह से गुज़रता है / नासिर काज़मी
- आँखों में हैं दुख भरे फ़साने / नासिर काज़मी
- पहुँचे गोर किनारे हम / नासिर काज़मी
- रंग बरसात ने भरे कुछ तो / नासिर काज़मी
- ख़त्म हुआ तारों का राग / नासिर काज़मी
- क़हर से देख न हर आन मुझे / नासिर काज़मी
- रौनकें थीं जहाँ में क्या-क्या कुछ / नासिर काज़मी