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* [[काजर के कजरौटी, कजर हमे सेदल रे / अंगिका लोकगीत]] | * [[काजर के कजरौटी, कजर हमे सेदल रे / अंगिका लोकगीत]] | ||
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17:20, 24 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण
खेलवना
- आजु सुमगल दायक, सब बिधि लायक हे / अंगिका लोकगीत
- ओरी ओरी फूल फुलाय गेलै, अरे दैयाँ, से फूल लोढ़ब कैसे / अंगिका लोकगीत
- आबह हे सासु आबह, तू पँजरा लागि आबि बैठह हे / अंगिका लोकगीत
- उठले रे दरदिया जियरा बाउर मोरी हे ननदी / अंगिका लोकगीत
पीपर-पिलाई
- सोठिया हम सँजोगल, मन छेलऽ धिया होती हे / अंगिका लोकगीत
- पिपरिया हम नय खैबै, कडु़ लागै / अंगिका लोकगीत