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21:59, 18 जुलाई 2018 का अवतरण
तोड़ो नहीं तार
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रचनाकार | राम शरण शर्मा 'मुंशी' |
---|---|
प्रकाशक | लेखन शाला, सी-175, हरिनगर घण्टाघर, नई दिल्ली - 110018 |
वर्ष | 1974 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविता |
विधा | नवगीत |
पृष्ठ | 80 |
ISBN | |
विविध |
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इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- पाण्डव कुमार / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- कैक्टस मुखर कितने / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- मेकैनिक / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- छूँछी पड़ी थाली / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- सम्पुट / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- टीस / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- उक्ति / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- चित्र /राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- हँसती है घास /राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- धुन्धलका / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- ग्राम्य लीक / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- विस्फोट / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- निष्कर्ष / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- सिक्का चला पूँजी का / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- तथागत और लामा / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- प्राकृत सुषमा / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- मधुऋतु का देय /राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- आर-पार /राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- चढ़े चंग / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- दबी-दबी बात / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- पूरब दरका / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- खेला / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- मध्यवित्त / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- अन्तर्दर्शन / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- बीच में हैं लोग / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- कल्पतरु / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- व्यूह / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- हाथ में हँसिया हवा के / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- यथार्थ / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- भावदूत / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- हिले-डुले कर्णफूल /राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- फागुन /राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- एक पड़ाव / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- बजती-सी सीटी /राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- लोहा बन जाता हूँ / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- महुए टपके / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- फ़ॉसिल / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- धरती की पाटी पर / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- पत्तियों की छाया / राम शरण शर्मा 'मुंशी'
- चार ईंट, चूल्हा टूटा / राम शरण शर्मा 'मुंशी'