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|जन्मस्थान= अम्बाला, हरियाणा | |जन्मस्थान= अम्बाला, हरियाणा | ||
|मृत्यु= 11 दिसंबर 2017 | |मृत्यु= 11 दिसंबर 2017 | ||
− | |कृतियाँ= | + | |कृतियाँ=‘हो जाने दो मुक्त’ (1978), उठो माधवी, प्रेम में स्त्री (2006), लाल रिब्बन का फुलवा, बारिश में दिल्ली, दूसरे दिन फेंटेसी (2007), कुरबक, गान्धर्व पर्व, तरु-तरु की डाल पर, क्षमा (2008) |
− | |विविध= | + | |विविध=शिक्षा और साहित्य का ‘पद्मश्री’ अलंकरण प्राप्त करने वाली सुनीता जैन, अंग्रेज़ी और हिन्दी में बेहतरीन कविताएँ लिखतीं है। |
|जीवनी=[[सुनीता जैन / परिचय]] | |जीवनी=[[सुनीता जैन / परिचय]] | ||
|अंग्रेज़ीनाम=Sunita Jain | |अंग्रेज़ीनाम=Sunita Jain |
18:14, 12 जुलाई 2021 के समय का अवतरण
सुनीता जैन
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जन्म | 13 जुलाई 1941 |
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निधन | 11 दिसंबर 2017 |
जन्म स्थान | अम्बाला, हरियाणा |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
‘हो जाने दो मुक्त’ (1978), उठो माधवी, प्रेम में स्त्री (2006), लाल रिब्बन का फुलवा, बारिश में दिल्ली, दूसरे दिन फेंटेसी (2007), कुरबक, गान्धर्व पर्व, तरु-तरु की डाल पर, क्षमा (2008) | |
विविध | |
शिक्षा और साहित्य का ‘पद्मश्री’ अलंकरण प्राप्त करने वाली सुनीता जैन, अंग्रेज़ी और हिन्दी में बेहतरीन कविताएँ लिखतीं है। | |
जीवन परिचय | |
सुनीता जैन / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- ऋण फूलों-सा / सुनीता जैन
- फागुन / सुनीता जैन
- ज़रा-ज़रा -सा / सुनीता जैन
- सुबह-सुबह यह पक्षी / सुनीता जैन
- लकड़हारा / सुनीता जैन
- खंडहर के पक्षी / सुनीता जैन
- अच्छा लगता है / सुनीता जैन
- चम्पा / सुनीता जैन
- छुआ किसने / सुनीता जैन
- सरसों का खेत मेरा मन / सुनीता जैन
- कितने वर्षों बाद / सुनीता जैन
- खोल दी खिड़की कोई / सुनीता जैन
- रास्ता / सुनीता जैन
- कल तक तो यह तन था / सुनीता जैन
- तन जो मेरा पानी-पानी / सुनीता जैन