भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"फ़िरदौस ख़ान" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKParichay |चित्र=Firdaus-Khan-kavitakosh.jpg |नाम=फ़िरदौस ख़ान |उपनाम=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
|||
पंक्ति 27: | पंक्ति 27: | ||
* [[ज़िन्दगी में जीने का बस यही सहारा है / फ़िरदौस ख़ान]] | * [[ज़िन्दगी में जीने का बस यही सहारा है / फ़िरदौस ख़ान]] | ||
* [[होठों पर नरम धूप सजाते रहे हैं हम / फ़िरदौस ख़ान]] | * [[होठों पर नरम धूप सजाते रहे हैं हम / फ़िरदौस ख़ान]] | ||
− | |||
* [[पतझड़ में मुझको ख़ार का मौसम बहुत अज़ीज़ / फ़िरदौस ख़ान]] | * [[पतझड़ में मुझको ख़ार का मौसम बहुत अज़ीज़ / फ़िरदौस ख़ान]] | ||
* [[हर बात यहाँ ख़्वाब दिखाने के लिए है / फ़िरदौस ख़ान]] | * [[हर बात यहाँ ख़्वाब दिखाने के लिए है / फ़िरदौस ख़ान]] | ||
* [[रातभर दर्द के जंगल में घुमाती है मुझे / फ़िरदौस ख़ान]] | * [[रातभर दर्द के जंगल में घुमाती है मुझे / फ़िरदौस ख़ान]] | ||
* [[हमको तुम्हारी बात से इंकार नहीं है / फ़िरदौस ख़ान]] | * [[हमको तुम्हारी बात से इंकार नहीं है / फ़िरदौस ख़ान]] |
00:06, 28 दिसम्बर 2022 का अवतरण
फ़िरदौस ख़ान
© कॉपीराइट: फ़िरदौस ख़ान। कविता कोश के पास संकलन की अनुमति है। इन रचनाओं का प्रयोग फ़िरदौस ख़ान की अनुमति के बिना कहीं नहीं किया जा सकता।
जन्म | 01 जून 1977 |
---|---|
जन्म स्थान | हिसार, हरियाणा |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
फहम अल क़ुरआन, गंगा जमुनी संस्कृति के अग्रदूत | |
विविध | |
समाचार चैनल एबीपी न्यूज़ द्वारा 14 सितम्बर 2014 को दिल्ली में साहित्यिक विषयों पर लेखन के लिए सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगर पुरस्कार से सम्मानित, गवर्नमेंट कॉलेज हिसार द्वारा 1 मार्च 1997 को साल 1996-1997 के लिए सर्वश्रेष्ठ लेखिका के पुरस्कार से सम्मानित, हरियाणा लघु समाचार-पत्र एसोसिएशन (पंजीकृत) द्वारा 29 दिसम्बर 2007 को हिसार में सर्वश्रेष्ठ पत्रकार अवॉर्ड से सम्मानित | |
जीवन परिचय | |
फ़िरदौस ख़ान / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- तुमसे तन-मन मिले प्राण प्रिय / फ़िरदौस ख़ान
- चांदनी रात में कुछ भीगे ख़्यालों की तरह / फ़िरदौस ख़ान
- जूड़े में फूल आंखों में काजल नहीं रहा / फ़िरदौस ख़ान
- कुछ ख़्वाब इस तरह से जहाँ में बिखर गए / फ़िरदौस ख़ान
- किसी को दुख नहीं होता / फ़िरदौस ख़ान
- नग़में रफ़ाक़तों के सुनाती हैं बारिशें / फ़िरदौस ख़ान
- वक़्त गुज़रा तो कोई ख़्वाब दिखाते गुज़रा / फ़िरदौस ख़ान
- ज़िन्दगी में जीने का बस यही सहारा है / फ़िरदौस ख़ान
- होठों पर नरम धूप सजाते रहे हैं हम / फ़िरदौस ख़ान
- पतझड़ में मुझको ख़ार का मौसम बहुत अज़ीज़ / फ़िरदौस ख़ान
- हर बात यहाँ ख़्वाब दिखाने के लिए है / फ़िरदौस ख़ान
- रातभर दर्द के जंगल में घुमाती है मुझे / फ़िरदौस ख़ान
- हमको तुम्हारी बात से इंकार नहीं है / फ़िरदौस ख़ान