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"चांदनी का दु:ख / जहीर कुरैशी" के अवतरणों में अंतर
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चांदनी का दु:ख
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रचनाकार | जहीर कुरैशी |
---|---|
प्रकाशक | पराग प्रकाशन,1/114,कर्ण गली,विश्वासनगर,शाहदरा,दिल्ली-32 |
वर्ष | 1986 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | ग़ज़ल संग्रह |
विधा | ग़ज़ल |
पृष्ठ | 80 |
ISBN | |
विविध |
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- किस्से नहीं हैं ये किसी बिरहन की पीर के / जहीर कुरैशी
- [[धूप, मिट्टी हवा को भूल गए
/ जहीर कुरैशी]]
- अंग -प्रत्यंग को हिला डाला / जहीर कुरैशी
- विष असर कर रहा है किश्तों में / जहीर कुरैशी
- आपका मेरा हर किसी का दु:ख / जहीर कुरैशी
- स्वप्न तो सूर्य की किरन का है / जहीर कुरैशी
- [[रखो दफ्तर
की बातें सिर्फ दफ्तर तक / जहीर कुरैशी]]
- जिस जुबाँ पर चढ़ गयी अधिकार की भाषा / जहीर कुरैशी
- / जहीर कुरैशी
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- सिर से ऊपर गुज़र गया पानी / जहीर कुरैशी
- बन्द पुस्तक को खोलती है हवा / जहीर कुरैशी
- कंठ को तैयार करना सीख जाते हैं / जहीर कुरैशी
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