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सेनापति
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जन्म | 17वीं शताब्दी |
---|---|
निधन | 17वीं शताब्दी |
जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
काव्य-कल्पद्रुम, कवित्त-रत्नाकर। | |
विविध | |
रीतिकाल के कवि | |
जीवन परिचय | |
सेनापति / परिचय |
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- सिवजू की निध्दि, हनूमान की सिध्दि / सेनापति
- तुम करतार, जन-रच्छा के करनहार / सेनापति
- सोहति उतंग, उत्तमंग ससि संग गंग / सेनापति
- रावन को बीर 'सेनापति रघुबीर जू की / सेनापति
- फूलन सों बाल की, बनाई गुही बेनी लाल / सेनापति
- लाल-लाल टेसू, फूलि रहे हैं बिसाल संग / सेनापति
- केतकि असोक, नव चंपक बकुल कुल / सेनापति
- बृष को तरनि तेज, सहसौ किरन करि / सेनापति
- सेनापति ऊँचे दिनकर के चलत लुवैं / सेनापति
- चौरासी समान, कटि किंकिनी बिराजत है / सेनापति
- नवल किसोरी भोरी केसर ते गोरी / सेनापति
- तब न सिधारी साथ, मीड़त है अब हाथ / सेनापति
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