भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"समय संवाद करना चाहता है / रोशन लाल 'रौशन'" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 16: पंक्ति 16:
 
|विविध=
 
|विविध=
 
}}
 
}}
 +
 +
* [[कोई बुश है कोई ओबामा है / रोशन लाल 'रौशन']]
 +
* [[एक अंधी हवस का शिकार आदमी / रोशन लाल 'रौशन']]
 +
* [[नहीं जानता था कि यूँ घात होगी / रोशन लाल 'रौशन']]
 +
* [[अब जलती है अब जलती है / रोशन लाल 'रौशन']]
 +
* [[सब का यही बयान था / रोशन लाल 'रौशन']]
 +
* [[हवसकारों की बस्ती का हर इक मंजर निराला है / रोशन लाल 'रौशन']]
 +
* [[रूप का सोना न धन की प्यास है / रोशन लाल 'रौशन']]
 +
* [[हर कदम आजमाये गये / रोशन लाल 'रौशन']]
 +
* [[शोषकों के बदन दबाते हैं / रोशन लाल 'रौशन']]
 +
* [[सोचो तो औसान नदारद / रोशन लाल 'रौशन']]
 +
* [[शब्द का भरम टूटे / रोशन लाल 'रौशन']]

20:58, 21 अगस्त 2010 का अवतरण

समय संवाद करना चाहता है
Samayasamvadkarna.jpg
रचनाकार रोशन लाल 'रौशन'
प्रकाशक
वर्ष २०१०
भाषा हिन्दी
विषय ग़ज़लें
विधा महाकाव्य
पृष्ठ
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।