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"'हफ़ीज़' जालंधरी" के अवतरणों में अंतर
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* [[आज़ादी / 'हफ़ीज़' जालंधरी]] | * [[आज़ादी / 'हफ़ीज़' जालंधरी]] | ||
* [[कोई चारा नहीं दुआ के सिवा / 'हफ़ीज़' जालंधरी]] | * [[कोई चारा नहीं दुआ के सिवा / 'हफ़ीज़' जालंधरी]] | ||
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19:08, 30 अगस्त 2021 के समय का अवतरण
'हफ़ीज़' जालंधरी
जन्म | 14 जनवरी 1900 |
---|---|
निधन | 21 दिसम्बर 1983 |
उपनाम | हफ़ीज़ |
जन्म स्थान | जालंधर, पंजाब |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
नग़मा-ज़ार | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
'हफ़ीज़' जालंधरी / परिचय |
ग़ज़लें
- आ ही गया वो मुझ को लहद में उतारने / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- अब तो कुछ और भी अँधेरा है / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- अगर मौज है बीच धारे चला चल / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- दिल अभी तक जवान है प्यारे / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- दिल-ए-बे-मुद्दआ है और मैं हूँ / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- है अज़ल की इस ग़लत बख़्शी पे हैरानी मुझे / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- हम ही में थी न कोई बात याद न तुम को आ सके / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- हुस्न ने सीखीं ग़रीब-आज़ारियाँ / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- इश्क़ में छेड़ हुई दीदा-ए-तर से पहले / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- जहाँ क़तरे को तरसाया गया हूँ / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- ख़ून बर कर मुनासिब नहीं दिल बहे / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- कोई दवा न दे सके मशवरा-ए-दुआ दिया / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- क्यूँ हिज्र के शिकवे करता है क्यूँ दर्द के रोने रोता है / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- तीर चिल्ले पे न आना कि ख़ता हो जाना / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- उभरे जा ख़ाक से वो तह-ए-ख़ाक हो गए / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- वो सर-ख़ुशी दे कि ज़िंदगी को शबाब से बहर-याब कर दे / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- ये क्या मक़ाम है वो नज़ारे कहाँ गए / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- जिंदगानी का लुत्फ़ भी आ जाएगा / 'हफ़ीज़' जालंधरी
नज़्में
- अभी तो मैं जवान हूँ / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- आखिरी रात / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- इकबाल के मज़ार पर / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- इरशाद की याद में / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- एक लड़की शादाँ / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- तकिया / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- ऐ हिन्द के राजा / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- सख़्त गीर आका / 'हफ़ीज़' जालंधरी
कविताएँ
- आज़ादी / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- कोई चारा नहीं दुआ के सिवा / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- इंसा भी कुछ शेर है, बाकी भेड़ की आबादी है / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- क्यों हिज्र के शिकवे करता है / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- ख़ून बन कर मुनासिब नहीं दिल बहे / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- हम ही में थी न कोई बात / 'हफ़ीज़' जालंधरी
- कोई दवा न दे सके, मश्वरा दुआ दिया / 'हफ़ीज़' जालंधरी