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+ | * [[ख़ामोश-सी फ़िज़ा का ये मंज़र उदास है / कविता सिंह]] | ||
+ | * [[बह्रे ग़म और ज़िन्दगानी है / कविता सिंह]] | ||
+ | * [[सुलगते ही रहो दिल की अगन में / कविता सिंह]] | ||
+ | * [[तमाम उम्र रहा दर्द की रिदा ओढ़े / कविता सिंह]] | ||
+ | * [[जो दर्दो ग़म न हो तो ऐसी आशिक़ी क्या है / कविता सिंह]] | ||
+ | * [[पूछ मत मैंने जुदाई में तिरी क्या लिख्खा / कविता सिंह]] | ||
+ | * [[बुझने दो शम' अ मुहब्बत की जलाते क्यूँ हो / कविता सिंह]] | ||
+ | * [[रहेगी ज़िन्दगी में आख़िरश ये तीरगी कब तक / कविता सिंह]] | ||
+ | * [[ख्यालों में वल्लाह छाया हुआ है / कविता सिंह]] | ||
+ | * [[तू रहे लाख अब हिजाबों में / कविता सिंह]] | ||
+ | * [[वस्फ़ इक बारगी कहाँ मिलता / कविता सिंह]] | ||
+ | * [[दर्द के कासिद से भी रिश्ता निभाया किस तरह / कविता सिंह]] |
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कविता सिंह
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जन्म | 27 अगस्त 1965 |
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जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
कविता सिंह / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- वस्ल के ख़्वाब सज़ा कर के सहर जाती है / कविता सिंह
- आँखें तरस रहीं मेरी दीदारे-यार को / कविता सिंह
- किसको रिश्ता यहाँ निभाना है / कविता सिंह
- मेरे चेहरे पर मुहब्बत का असर छोड़ गया / कविता सिंह
- जागती आँखों से शब को हम सहर करते रहे / कविता सिंह
- बुझने दो शम' अ मुहब्बत की जलाते क्यूँ हो / कविता सिंह
- ख़ामोश-सी फ़िज़ा का ये मंज़र उदास है / कविता सिंह
- बह्रे ग़म और ज़िन्दगानी है / कविता सिंह
- सुलगते ही रहो दिल की अगन में / कविता सिंह
- तमाम उम्र रहा दर्द की रिदा ओढ़े / कविता सिंह
- जो दर्दो ग़म न हो तो ऐसी आशिक़ी क्या है / कविता सिंह
- पूछ मत मैंने जुदाई में तिरी क्या लिख्खा / कविता सिंह
- बुझने दो शम' अ मुहब्बत की जलाते क्यूँ हो / कविता सिंह
- रहेगी ज़िन्दगी में आख़िरश ये तीरगी कब तक / कविता सिंह
- ख्यालों में वल्लाह छाया हुआ है / कविता सिंह
- तू रहे लाख अब हिजाबों में / कविता सिंह
- वस्फ़ इक बारगी कहाँ मिलता / कविता सिंह
- दर्द के कासिद से भी रिश्ता निभाया किस तरह / कविता सिंह