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|जन्म=04 मई 1933 | |जन्म=04 मई 1933 | ||
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|जन्मस्थान=जगम्मनपुर, जालौन, उत्तर प्रदेश, भारत | |जन्मस्थान=जगम्मनपुर, जालौन, उत्तर प्रदेश, भारत | ||
|कृतियाँ= धरती का कर्ज़ (गीत संग्रह); देहरी-दीप, अनकहा ही रह गया (कविता संग्रह); नदी में आग लगी है, फूल के अधरों पे पत्थर (ग़ज़ल संग्रह) | |कृतियाँ= धरती का कर्ज़ (गीत संग्रह); देहरी-दीप, अनकहा ही रह गया (कविता संग्रह); नदी में आग लगी है, फूल के अधरों पे पत्थर (ग़ज़ल संग्रह) |
17:51, 3 मई 2023 के समय का अवतरण
ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
जन्म | 04 मई 1933 |
---|---|
निधन | 11 जनवरी 2016 |
उपनाम | पराग |
जन्म स्थान | जगम्मनपुर, जालौन, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
धरती का कर्ज़ (गीत संग्रह); देहरी-दीप, अनकहा ही रह गया (कविता संग्रह); नदी में आग लगी है, फूल के अधरों पे पत्थर (ग़ज़ल संग्रह) | |
विविध | |
कविता के अतिरिक्त कहानी, लेख, व्यंग्य अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित तथा आकाशवाणी और दूरदर्शन से प्रसारित, गीतिकाव्य को समर्पित संस्था गीताभ के अध्यक्ष एवं संयोजक | |
जीवन परिचय | |
ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग' / परिचय |
कविता संग्रह
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- जैसे हो वैसे ही / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- सात्विक स्वाभिमान है / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- गीत कविता का हृदय है / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- कहाँ पै आ गए हैं हम / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- उजाला जब भी आया / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- आगाज हो न पाया / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- जीने का हौसला है / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- खज़ाने में तुम्हारे / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- कभी अहसास होता है / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- उलझनों को मैं / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- अक्सर मुझको अपने / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- किसी तट पर / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- एक मुश्किल-सी / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- अपनी-अपनी बात / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- मैं अपने आप में / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- जल रहा है / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- नहीं, अब कुछ / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- जी भी है / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- जिंद़गी मय नहीं / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- जो बड़े काम / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- तुझसे मागूँ और / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- म़ाटी रचे अनाम / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- मौत ने अपनी / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- अंजाम आज खुद़ / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- हमको मरने के / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- सर पे छत / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- न धरती पर / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- न आँगन / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- किसने कहा / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- आदमी खुद / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- लुप्त हुई विस्मृति के तम में / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- मधुऋतु ने बहकाया है / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- संचारी संसृति / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- विसंगतियाँ / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- बात तो कुछ भी नहीं / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- आत्म-नियंत्रण / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- एक बिन्दु को वृत्त मानकर / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- भोग स्वीकार / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- उत्तर कैसे दूँ मैं / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- गीत लिखे हैं / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- अपना-अपना मधुकलश / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- जहाँ चलना मना है / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- धर्मशाला को घर / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- फूल के अधरों पे / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'