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दिन गुलाब होने दो
रचनाकार | ओम प्रकाश सारस्वत |
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प्रकाशक | निर्मल पब्लिकेशंस,
ए-139, गली नं 3, कबीर नगर, शहादरा दिल्ली-110094 |
वर्ष | 2004 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | गीत |
विधा | |
पृष्ठ | 103 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
दिन
- दिन / ओमप्रकाश सारस्वत
- फिर दिन बड़े हो गए / ओमप्रकाश सारस्वत
- याचक-दिन / ओमप्रकाश सारस्वत
- जिन्होंने यह दिन दिखाया / ओमप्रकाश सारस्वत
- प्रात / ओमप्रकाश सारस्वत
- दिन गुलाब होने दो / ओमप्रकाश सारस्वत
- उषस / ओमप्रकाश सारस्वत
तरुवर
- तरुवर / ओमप्रकाश सारस्वत
- पीपल न सही / ओमप्रकाश सारस्वत
- शिरीष सुमनो-सा / ओमप्रकाश सारस्वत
- लकडहारे ओ / ओमप्रकाश सारस्वत
- लोक गायक / ओमप्रकाश सारस्वत
गुलों में गरल
- गुलों में गरल / ओमप्रकाश सारस्वत
- नागों का डेरा / ओमप्रकाश सारस्वत
- स्वस्तिका रचो / ओमप्रकाश सारस्वत
- आस्थाओं की गीत / ओमप्रकाश सारस्वत
- तुम्हारी चाँदनी / ओमप्रकाश सारस्वत
बाँध सके जो
- बाँध सके जो / ओमप्रकाश सारस्वत
- गंधगीत / ओमप्रकाश सारस्वत
- मत स्पर्श जगाईए/ ओमप्रकाश सारस्वत
- मूक क्षणों में / ओमप्रकाश सारस्वत
- तुम्हारे शहर में / ओमप्रकाश सारस्वत
- जिजीविषाएं / ओमप्रकाश सारस्वत
- वीतराग भी / ओमप्रकाश सारस्वत
- आओ दोस्त / ओमप्रकाश सारस्वत
- मेरा मन-तुम्हारा मन / ओमप्रकाश सारस्वत
- उपवन-उपवन / ओमप्रकाश सारस्वत
- गदराई गंदम / ओमप्रकाश सारस्वत
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