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औरत होने की सज़ा
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रचनाकार | महेश सन्तोषी |
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प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | हिन्दी |
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विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- अब भी रूला जाते हैं माँ के आँसू / महेश सन्तोषी
- वसीयतें रेत और मिट्टी की / महेश सन्तोषी
- बर्तन माँजते माँजते ही / महेश सन्तोषी
- मैक्सिको की वह माँ / महेश सन्तोषी
- वह एक माँ / महेश सन्तोषी
- अगर उनकी माँ होती / महेश सन्तोषी
- सूरज की बेटी / महेश सन्तोषी
- रोटियों की सरहदें / महेश सन्तोषी
- बर्तन और किताबें / महेश सन्तोषी
- मानसिकता / महेश सन्तोषी
- आधी मर गयी औरत / महेश सन्तोषी
- मैं क्षमा चाहती हूँ / महेश सन्तोषी
- भूख का गणित / महेश सन्तोषी
- रोटियों की हिस्सेदारी / महेश सन्तोषी
- तुम्हें इतना बुरा क्यों लगा? / महेश सन्तोषी
- सफर एक झुग्गी से, दूसरी झुग्गी तक का / महेश सन्तोषी
- भूख की खाईयाँ / महेश सन्तोषी
- वह अगला महीना कभी नहीं आया / महेश सन्तोषी
- आटे से पकती हैं / महेश सन्तोषी
- अभावों की यात्रा / महेश सन्तोषी
- अभावों से भरा अस्ताचल / महेश सन्तोषी
- व्यथा एक महिला अधिकारी की / महेश सन्तोषी
- मेहनतकश औरतों की पाती / महेश सन्तोषी
- पापड़ बेलते-बेलते / महेश सन्तोषी
- अभावों से होकर / महेश सन्तोषी
- पीड़ाएँ पूछ लीं / महेश सन्तोषी
- विज्ञापनों में औरत / महेश सन्तोषी
- कंधों पर झेल लिये / महेश सन्तोषी
- वैधव्य और वसंत / महेश सन्तोषी
- दर्द जब दर्द को / महेश सन्तोषी
- मेरे शाब्दिक साक्षी / महेश सन्तोषी
- प्रतिकार सम्वेदनाओं का / महेश सन्तोषी
- लहराती पतंग / महेश सन्तोषी
- पहली औरत / महेश सन्तोषी
- एक फुलझड़ी कहकर / महेश सन्तोषी
- अंतर प्यार और व्यापार के बीच का / महेश सन्तोषी
- मैं कहाँ दिखी / महेश सन्तोषी
- तुम अकेले नहीं हो / महेश सन्तोषी
- तुम अकेली नहीं हो / महेश सन्तोषी
- मैं औरत कहाँ हूँ / महेश सन्तोषी
- पशु और औरत / महेश सन्तोषी
- अभिव्यक्ति एक अपराबोध की / महेश सन्तोषी
- निरावरण आचरण / महेश सन्तोषी
- मुलतान से मुमताज की चीख / महेश सन्तोषी
- पुरुष होने की शर्म / महेश सन्तोषी
- औरत होने की सजा / महेश सन्तोषी