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17:21, 7 मई 2017 का अवतरण
थार-सप्तक-5
रचनाकार | ओम पुरोहित ‘कागद’ |
---|---|
प्रकाशक | बोधि प्रकाशन, जयपुर |
वर्ष | |
भाषा | राजस्थानी |
विषय | कविता |
विधा | मुक्त छन्द |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध | काव्य |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
जनकराज पारीक
- मिनखा जूण सुंवार / जनकराज पारीक
- अबै आप समचार सुणो / जनकराज पारीक
- सुभकामना / जनकराज पारीक
- माडूराम / जनकराज पारीक
- म्हारी छोटी बै न बोदड़ी / जनकराज पारीक
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- चांद थाळी मैं दिखासी आपनै / जनकराज पारीक
- सूकी रोटी / जनकराज पारीक
- टापर्यां री कळ्यां / जनकराज पारीक
कृष्ण वृहस्पति
- / कृष्ण वृहस्पति
- यादां रो अड़ावो / कृष्ण वृहस्पति
- सतमासिया सपना / कृष्ण वृहस्पति
- भादवै रो मेह / कृष्ण वृहस्पति
- सीख / कृष्ण वृहस्पति
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- आं दिनां / कृष्ण वृहस्पति
- सुगन / कृष्ण वृहस्पति
- फरक है याद रै मांय / कृष्ण वृहस्पति
विनोद सारस्वत
- भासा मायड़ बोलो रै ! / विनोद सारस्वत
- राजस्थानी गीत / विनोद सारस्वत
- बासंती रूत अर फागणियां / विनोद सारस्वत
- ओ रोळ राज रो डंडो / विनोद सारस्वत
- अै सांसा झालणा पड़ैला ! / विनोद सारस्वत
- मुंशीजी / विनोद सारस्वत
कृष्णकुमार `आशु'
- मा : अेक / कृष्णकुमार `आशु'
- मा : दो / कृष्णकुमार `आशु'
- मा : तीन / कृष्णकुमार `आशु'
- मा : चार / कृष्णकुमार `आशु'
- मा : पांच / कृष्णकुमार `आशु'
- मा : छै / कृष्णकुमार `आशु'
- मा : सात / कृष्णकुमार `आशु'
- मा : आठ / कृष्णकुमार `आशु'
- मा : नौ / कृष्णकुमार `आशु'
- मा : दस / कृष्णकुमार `आशु'