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उर्मिलेश
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उर्मिलेश
जन्म | 06 जुलाई 1951 |
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निधन | 16 मई 2005 |
उपनाम | शंखधर |
जन्म स्थान | इस्लामनगर, बदायूँ, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
पहचान और परख, सोत नदी बहती है, चिंरजीव हैं हम, बाढ़ में डूबी नदी (सभी गीत-संग्रह); धुआँ चीरते हुए, जागरण की देहरी पर, बिम्ब कुछ उभरते हैं (दोनों नवगीत-संग्रह); घर बुनते अक्षर, फ़ैसला वो भी ग़लत था, धूप निकलेगी, आइनें आह भरते हैं (सभी ग़ज़ल-संग्रह); गंधो की जागीर, वरदानों की पाण्डुलिपि (दोहा-संग्रह)। | |
विविध | |
कवि-भूषण, राष्ट्र-कवि, भारत-श्री, गीत-गंधर्व, आचार्य-श्री, युग-चारण तथा यशभारती सम्मान। | |
जीवन परिचय | |
उर्मिलेश / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- बेवजह दिल पे कोई /उर्मिलेश
- आज है, कल हुई / उर्मिलेश
- अब बुज़ुर्गों के / उर्मिलेश
- मौसम की चोट / उर्मिलेश
- उसकी चूड़ी / उर्मिलेश
- शत-शत नमन / उर्मिलेश
- स्वतंत्रता बनी रहे / उर्मिलेश
- तेरी राह में क़ैदखाने पड़ेंगे / उर्मिलेश
- ये ख़बर भी छापिएगा आज के अख़बार के / उर्मिलेश
- पूरी हिम्मत के साथ बोलेंगे / उर्मिलेश
- पूरी हिम्मत के साथ बोलेंगे / उर्मिलेश
- तू इन बूढ़े दरख्तों की हवाएँ साथ रख लेना / उर्मिलेश
- हाथ अपनी भूल पर कुछ तुम मलो,कुछ हम मलें / उर्मिलेश
- कल न बदला वो आज बदलेगा / उर्मिलेश
- हम सियासत की जब से सवारी हुए / उर्मिलेश
- जबकि स्कूलों की तालीमों में अंतर होंगे / उर्मिलेश
- वो जिसका तीर चुपके से जिगर के पास होता है / उर्मिलेश
- रिश्तों की भीड़ में भी वो तन्हा खड़ा रहा / उर्मिलेश
- हर निशा आपके बिन अमा सी लगे / उर्मिलेश
- अब बुज़ुर्गों के फ़साने नहीं अच्छे लगते / उर्मिलेश
- मेरी टाँगे मांग कर मेरे बराबर हो गये, / उर्मिलेश