भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
रामकुमार कृषक
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:16, 16 अगस्त 2020 का अवतरण (→कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ)
रामकुमार कृषक
जन्म | 01 अक्तूबर 1943 |
---|---|
जन्म स्थान | गाँव गुलड़िया, अमरोहा, जनपद मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
सुर्ख़ियों के स्याह चेहरे (1977) (नवगीत संग्रह) । नीम की पत्तियाँ (1984) (ग़ज़ल संग्रह) । फिर वही आकाश (1991)आदमी के नाम पर मज़हब नहीं (1991) मैं हूं हिंदुस्तान (1998) और, लौट आएंगी आंखें (2002) (कविता-संग्रह) । प्रौढ़ शिक्षा के लिए "टीपू की माँ", "सबसे सुन्दर हाथ" और "घीसू और माधो" नामक पुस्तकों के रचयिता । | |
विविध | |
हिन्दी की अनियतकालीन जनवादी पत्रिका 'अलाव' का सम्पादन। | |
जीवन परिचय | |
रामकुमार कृषक / परिचय |
रचना-संग्रह
- फिर वही आकाश / रामकुमार कृषक (कविता संग्रह)
- लौट आएँगी आँखें / रामकुमार कृषक (कविता संग्रह)
- सुर्ख़ियों के स्याह चेहरे / रामकुमार कृषक (नवगीत संग्रह)
- नीम की पत्तियाँ / रामकुमार कृषक (ग़ज़ल संग्रह)
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- माँ ने कहा हुआ क्या तुझको / रामकुमार कृषक
- आओ मंदिर मस्जिद खेलें / रामकुमार कृषक
- चेहरे तो मायूस मुखौटों पर / रामकुमार कृषक
- घेर कर आकाश उनको / रामकुमार कृषक
- आज तो मन अनमना / रामकुमार कृषक
- हमने खुद को नकार कर / रामकुमार कृषक
- आइए गांव की कुछ ख़बर ले चलें / रामकुमार कृषक
- आगाज़ अगर हो / रामकुमार कृषक
- ऐ ज़माने ज़िन्दाबाद / रामकुमार कृषक
- ऊँची कुर्सी काला चोगा / रामकुमार कृषक
- हे राम ! / रामकुमार कृषक
- दुख कहाँ से आ रहे बतलाइए / रामकुमार कृषक
- लोग रहते हैं जिन मकानों में / रामकुमार कृषक
- हम नहीं खाते हमें बाज़ार खाता है / रामकुमार कृषक
- आप गाने की बात करते हैं / रामकुमार कृषक
- परबत के पैताने पहुँचे परबत के सिरहाने भी / रामकुमार कृषक
- अनशन पर बैठे हत्यारे/ रामकुमार कृषक