भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
महेंद्र नेह
Kavita Kosh से
महेंद्र नेह
जन्म | 23 नवम्बर 1948 |
---|---|
जन्म स्थान | मथुरा उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
सच के ठाठ निराले होंगे (2004-2005), हम सब नीग्रो हैं (2016) - गीत व ग़ज़ल संग्रह। थिरक उठेगी धरती (2009) हमें साँच ने मारा (2015), उसे नहीं मालूम (2020) -कविता संग्रह। लघुकथा संग्रह (2015)। भगत सिंह चालीसा (2021) | |
विविध | |
प्रो. कमर रईस सद्भावना पुरस्कार, अमरावती साहित्य सम्मान, अक्षर सम्मान 2018 | |
जीवन परिचय | |
महेंद्र नेह / परिचय |
कविताएँ
- ज़हर / महेंद्र नेह
- उन्हीं के लिए / महेंद्र नेह
- साथी, संस्कृति एक न होई / महेंद्र नेह
- साधो, मिली-जुली ये कुश्ती / महेंद्र नेह
- साधो, घर में घुसे कसाई / महेंद्र नेह
- साधो, यह कैसा मोदी / महेंद्र नेह
गीत- नवगीत
- वक़्त पुकारे / महेंद्र नेह
- हम सर्जक हैं समय-सत्य के / महेंद्र नेह
- इतने दर्द नहीं थे इससे पहले / महेंद्र नेह
- उमस भरे दिन, एक नहीं, दो नहीं, अनगिन / महेंद्र नेह
- दुख परबत जैसे / महेंद्र नेह
- ये जो बाज़ार है / महेंद्र नेह
- माफ़िया ये समय / महेंद्र नेह
- क़ैदख़ानों में / महेंद्र नेह
- ये समय / महेंद्र नेह
- बेच डाली है धरा की गन्ध / महेंद्र नेह
- कन्धे हुए / महेंद्र नेह
- हम बदला लेंगे / महेंद्र नेह
- वर्जनाएँ अब नहीं / महेंद्र नेह
- अग्नि पथ / महेंद्र नेह
- रो रहे हैं ख़ून के आँसू / महेंद्र नेह