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ऋतुसंहार | |
रचनाकार: | कालिदास |
अनुवादक: | रांगेय राघव |
प्रकाशक: | |
वर्ष: | |
मूल भाषा: | संस्कृत |
विषय: | -- |
शैली: | -- |
पृष्ठ संख्या: | |
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इस पन्ने पर दी गयी रचनाओं को विश्व भर के योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गयी प्रकाशक संबंधी जानकारी प्रिंटेड पुस्तक खरीदने में आपकी सहायता के लिये दी गयी है। |
- प्रिये आया ग्रीष्म खरतर... / कालिदास
- सुधुर-मधुर विचित्र है... / कालिदास
- प्रिया सुख उच्छ्वास कपिल सुप्त मदन... / कालिदास
- मेखला से बंध दुकूल सजे... / कालिदास
- क्वणित नूपुर गूँज, लाक्षा रागरंजित... / कालिदास
- स्वेद से आतुर, चपल कर... / कालिदास
- शीत चंदन सुरभिमय जलसिक्त... / कालिदास
- निशा मे सित हर्म्य में सुख नींद... / कालिदास
- लूओं पर चढ़ घुमर घिरती... / कालिदास
- तीव्र आतप तप्त व्याकुल... / कालिदास
- सविभ्रम सस्मित नयन बंकिम... / कालिदास
- तीव्र जलती है तृषा अब... / कालिदास
- किरण दग्ध, विशुष्क अपने कण्ठ से... / कालिदास
- क्लांत तन-मन रे कलापी... / कालिदास
- दग्ध भोगी तृषित बैठे... / कालिदास
- रवि प्रभा से लुप्त... / कालिदास
- प्यास से आकुल फुलाए... / कालिदास
- / कालिदास
- / कालिदास
- / कालिदास