अनवर जलालपुरी
जन्म | 06 जुलाई 1947 |
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निधन | 02 जनवरी 2018 |
जन्म स्थान | जलालपुर, अम्बेडकर नगर, उत्तरप्रदेश। |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
भगवद्गीता और गीतांजलि का उर्दू में अनुवाद किया। यश भारती सम्मान (2015)। 'अकबर द ग्रेट' धारावाहिक के संवाद भी लिखे। | |
जीवन परिचय | |
अनवर जलालपुरी / परिचय |
ग़ज़लें
- उम्र भर जुल्फ-ए-मसाऐल यूँ ही सुलझाते रहे / अनवर जलालपुरी
- जंज़ीर-व-तौक या रसन-व-दार कुछ तो हो / अनवर जलालपुरी
- हुस्न जब इश्क़ से मन्सूब नहीं होता है / अनवर जलालपुरी
- ख्वाहिश मुझे जीने की ज़ियादा भी नहीं है / अनवर जलालपुरी
- क्या बतलाऊँ कितनी ज़ालिम होती है जज़्बात की आँच / अनवर जलालपुरी
- खुदगर्ज़ दुनिया में आखिर क्या करें / अनवर जलालपुरी
- मैं हर बे-जान हर्फ़-ओ-लफ़्ज़ को गोया बनाता हूँ / अनवर जलालपुरी
- प्यार को सदियों के एक लम्हे की नफरत खा गई / अनवर जलालपुरी
- रात भर इन बन्द आँखों से भी क्या क्या देखना / अनवर जलालपुरी
- अभी आँखों की शमऐं जल रही हैं प्यार ज़िन्दा है / अनवर जलालपुरी
- दिल को जब अपने गुनाहों का ख़याल आ जायेगा / अनवर जलालपुरी
- अभी तो शाम है ऐ दिल अभी तो रात बाक़ी है / अनवर जलालपुरी
- क़याम-गाह न कोई न कोई घर मेरा / अनवर जलालपुरी
- गुलों के बीच में मानिन्द ख़ार मैं भी था / अनवर जलालपुरी
- शादाब-ओ-शगुफ़्ता कोई गुलशन न मिलेगा / अनवर जलालपुरी
- जश्ने वहशत मकतल देर तक नहीं रहता / अनवर जलालपुरी
- पराया कौन है और कौन अपना सब भुला देंगे / अनवर जलालपुरी
- पैदा कोई राही कोई रहबर नही होता / अनवर जलालपुरी
- बाल चाँदी हो गये दिल ग़म का पैकर हो गया / अनवर जलालपुरी
- चाँदनी में रात भर सारा जहाँ अच्छा लगा / अनवर जलालपुरी
- बुरे वक़्तों में तुम मुझसे न कोई राब्ता रखना / अनवर जलालपुरी
- मैं एक शायर हूँ मेरा रुतबा नहीं किसी भी वज़ीर जैसा / अनवर जलालपुरी
- वह जिन लोगों का माज़ी से कोई रिश्ता नहीं होता / अनवर जलालपुरी
- ख़राब लोगों से भी रस्म व राह रखते थे / अनवर जलालपुरी
- ज़ुल्फ़ को अब्र का टुकड़ा नहीं लिख्खा मैंने / अनवर जलालपुरी
- उससे बिछड़ के दिल का अजब माजरा रहा / अनवर जलालपुरी
- कारोबार-ए-ज़ीस्त में तबतक कोई घाटा न था / अनवर जलालपुरी
- कभी फूलों कभी खारों से बचना / अनवर जलालपुरी
- सोच रहा हूँ घर आँगन में एक लगाऊँ आम का पेड़ / अनवर जलालपुरी
- मैं जा रहा हूँ मेरा इन्तेज़ार मत करना / अनवर जलालपुरी
- मेरी बस्ती के लोगो! अब न रोको रास्ता मेरा / अनवर जलालपुरी