निकिफ़ोरॉस व्रेताकॉस
जन्म | 01 जनवरी 1912 |
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निधन | 04 अगस्त 1991 |
उपनाम | Νικηφόρος Βρεττάκος |
जन्म स्थान | ग्राम क्रोकीस, स्पार्टा, लकोनिया, यूनान |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
छाया और प्रकाश के नीचे (1929), योन्स के मौन में उतरते हुए, (1935), ’कविताएँ’ शीर्षक से तीन खण्डों में रचनावली | |
विविध | |
यूनान के अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कवि। ओरेनिस पुरस्कार और दो बार यूनानी राज्य कविता पुरस्कार से सम्मानित। यूनानी सिविल सर्विस में तीस वर्ष तक सरकारी सेवा के बाद 1940 में यूनानी-इतालवी युद्ध में हिस्सेदारी। बाद में यूनान पर जब जर्मनी ने कब्ज़ा कर लिया तो वे यूनान आज़ादी सेना में सक्रिय। इसी दौरान ’जंगली जानवर’ नामक कविता-सँग्रह का प्रकाशन। इसी दौरान यूनानी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बन गए। 1957 में रूस जाकर मकसीम गोर्की की पत्नी से मुलाक़ात की। 1967 में यूनान में सैन्य तानाशाही स्थापित होने के बाद यूनान छोड़कर साढ़े छह साल तक स्वीट्जरलैण्ड और इटली में रहे। 1974 में स्वदेश वापसी। सैन्य तानाशाही के ख़िलाफ़ उठ खड़े होने वाले विद्रोही छात्र कोस्तास गिओर्गाकिस के बारे में एक लम्बी कविता लिखी, जो यूनानी साहित्य के इतिहास में महत्त्वपूर्ण रचना मानी जाती है। इनकी कुछ कविताएँ संगीत में ढालकर यूनान में लोकप्रिय गीतों के रूप में गाई जाती हैं और एकतरह से वे लोकगीतों का दर्जा पा गई हैं। | |
जीवन परिचय | |
निकिफ़ोरॉस व्रेताकॉस / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
उदयन वाजपेयी द्वारा अनूदित
अनिल जनविजय द्वारा अनूदित
- हरा बग़ीचा / निकिफ़ोरॉस व्रेताकॉस / अनिल जनविजय
- मनुष्य, दुनिया, और कविता / निकिफ़ोरॉस व्रेताकॉस / अनिल जनविजय
- छोटी सी दुनिया / निकिफ़ोरॉस व्रेताकॉस / अनिल जनविजय
- उसी पर्वत के लिए कविता / निकिफ़ोरॉस व्रेताकॉस / अनिल जनविजय
- अगर तुम याद करते हो मुझे किसी रात / निकिफ़ोरॉस व्रेताकॉस / अनिल जनविजय
- सींग वाला लड़का / निकिफ़ोरॉस व्रेताकॉस / अनिल जनविजय
- भजन / निकिफ़ोरॉस व्रेताकॉस / अनिल जनविजय
- अन्धेरा हो रहा है / निकिफ़ोरॉस व्रेताकॉस / अनिल जनविजय
- जो कुछ भी मैंने कहा / निकिफ़ोरॉस व्रेताकॉस / अनिल जनविजय
- अकेलापन नहीं होता / निकिफ़ोरॉस व्रेताकॉस / अनिल जनविजय