'फना' निज़ामी कानपुरी
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जन्म | 1922 |
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निधन | 1988 |
जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
'फना' निज़ामी कानपुरी / परिचय |
ग़ज़लें
- ऐ हुस्न ज़माने के तेवर भी तो समझा कर / 'फना' निज़ामी कानपुरी
- बर्क़ को जितनी शोहरत मिली / 'फना' निज़ामी कानपुरी
- दुनिया-ए-तसव्वुर हम आबाद नहीं करते / 'फना' निज़ामी कानपुरी
- ग़म हर इक आँख को छलकाए ज़रूरी तो नहीं / 'फना' निज़ामी कानपुरी
- घर हुआ गुलशन हुआ सहरा हुआ / 'फना' निज़ामी कानपुरी
- मुझे रूतबा-ए-ग़म बताना पड़ेगा / 'फना' निज़ामी कानपुरी
- साक़िया तू ने मेरे ज़र्फ को समझा क्या है / 'फना' निज़ामी कानपुरी
- तू फूल की मानिंद न शबनम की तरह आ / 'फना' निज़ामी कानपुरी
- वो ख़ानमाँ-ख़राब न क्यूँ दर-ब-दर फिरे / 'फना' निज़ामी कानपुरी
- या रब मेरी हयात से ग़म का असर ना जाए / 'फना' निज़ामी कानपुरी
- वो जाने कितना सर-ए-बज़्म शर्म-सार हुआ / 'फना' निज़ामी कानपुरी
- ये बहार का ज़माना ये हसीं गुलों के साए / 'फना' निज़ामी कानपुरी
- यूँ तेरी तलाश में तेरे ख़स्ता-जाँ चले / 'फना' निज़ामी कानपुरी
- ज़ुल्मत-ए-शाम से भी नूर-ए-सहर पैदा कर / 'फना' निज़ामी कानपुरी
- मुझे प्यार से तेरा देखना मुझे छुप छुपा के वो देखना / 'फना' निज़ामी कानपुरी
- चेहरा-ए-सुब्ह नज़र आया रूख़-ए-शाम के बाद / 'फना' निज़ामी कानपुरी
- चेहरा-ए-सुब्ह नज़र आया रूख़-ए-शाम के बाद / 'फना' निज़ामी कानपुरी
- डूबने वाले की मय्यत पर लाखों रोने वाले हैं / 'फना' निज़ामी कानपुरी
- हम आगही इश्क़ का अफ़्साना कहेंगे / 'फना' निज़ामी कानपुरी
- हुस्न का एक आह ने चेहरा निढाल कर दिया / 'फना' निज़ामी कानपुरी
- इक तिश्ना-लब ने बढ़ कर जो साग़र उठा लिया / 'फना' निज़ामी कानपुरी
- मेरे चेहरे से ग़म का आश्कारा नहीं / 'फना' निज़ामी कानपुरी