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- 21:18, 15 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+121) . . शकील बदायूँनी
- 19:19, 15 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+137) . . कर्तव्यों की नौका बातों से खेता है / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- 19:50, 13 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (-38) . . 'अना' क़ासमी / परिचय
- 19:47, 13 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+2,856) . . न 'अना' क़ासमी / परिचय (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार='अना' क़ासमी }} '''संक्षिप्त परिचय''' नाम : मौलाना ह…)
- 18:31, 13 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,598) . . न क्या क़शिश हुस्ने-रोज़गार में है / शकील बदायूँनी (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शकील बँदायूनी }} </poem> क्या क़शिश1 हुस्ने-रोज़गार म…)
- 18:24, 12 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (-2,164) . . बचा ही क्या है हयात में अब सुनहरे दिन तो निपट गये हैं / 'अना' क़ासमी (पृष्ठ से सम्पूर्ण विषयवस्तु हटा रहा है)
- 19:57, 7 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+183) . . गुलशन हो निगाहों में तो ज़न्नत न समझना / शकील बदायूँनी (मौजूदा)
- 19:47, 7 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,137) . . न गुलशन हो निगाहों में तो ज़न्नत न समझना / शकील बदायूँनी (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKParichay |चित्र=Shakeel_bandayuni.jpg |नाम=शकील शकील बदायूँनी {{KKCatGhazal}} <poem>रचना यहा…)
- 19:29, 6 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,336) . . न आराइशे-खुर्शीदो-क़मर किसके लिए है / 'अना' क़ासमी (नया पृष्ठ: आराइशे-खुर्शीदो-क़मर किसके लिए है जब कोई नहीं है तो ये घर किसके लि…)
- 19:27, 6 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+130) . . 'अना' क़ासमी
- 19:24, 6 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,033) . . न जाने क्या दुश्मनी है शाम के साथ / 'अना' क़ासमी (नया पृष्ठ: जाने क्या दुश्मनी है शाम के साथ दिल भी टूटा पड़ा है जाम के साथ लफ…)
- 19:23, 6 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+122) . . 'अना' क़ासमी
- 19:20, 6 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,660) . . न आप इस छोटे से फ़ितने को जवां होने तो दो / 'अना' क़ासमी (नया पृष्ठ: आप इस छोटे से फ़ितने को जवां होने तो दो वो भवें चढ़ने तो दो तीरो-कम…)
- 19:19, 6 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+140) . . 'अना' क़ासमी
- 19:16, 6 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,243) . . न मेरा खूने-जिगर होने को है फिर / 'अना' क़ासमी (नया पृष्ठ: मेरा खूने-जिगर होने को है फिर कोई तिरछी नज़र होने को है फिर तिरी ख…)
- 19:14, 6 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+116) . . 'अना' क़ासमी
- 19:10, 6 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+824) . . न उल्फ़त का फिर मन है बाबा / 'अना' क़ासमी (नया पृष्ठ: उल्फ़त का फिर मन है बाबा फिर से पागलपन है बाबा सब के बस की बात नही…)
- 19:09, 6 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+103) . . 'अना' क़ासमी
- 19:05, 6 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+137) . . 'अना' क़ासमी
- 17:54, 6 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,222) . . न इक ख़्वाब ले रहा है ऊँची उड़ान फिर/वीरेन्द्र खरे अकेला (नया पृष्ठ: इक ख़्वाब ले रहा है ऊँची उड़ान फिर थामे समय खड़ा है तीरो-कमान फिर …)
- 17:48, 6 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,157) . . न फिर पुरानी राह पर आना पड़ेगा /वीरेन्द्र खरे अकेला (नया पृष्ठ: फिर पुरानी राह पर आना पड़ेगा उसको हिन्दी में ही समझाना पड़ेगा गर…) (मौजूदा)
- 17:46, 6 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,113) . . न जीतने की अगरचे आस नहीं /वीरेन्द्र खरे अकेला (नया पृष्ठ: जीतने की अगरचे आस नहीं मैंने छोड़ा मगर प्रयास नहीं तू भी पारो कहा…)
- 17:33, 6 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,384) . . न आजकल तो रास्ता अंधे भी दिखलाने लगे /वीरेन्द्र खरे अकेला (नया पृष्ठ: आज कल तो रास्ता अँधे भी दिखलाने लगे लो अँधेरे रौशनी का मर्म समझान…)
- 20:48, 5 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+9,466) . . शेष बची चौथाई रात / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- 20:39, 5 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+11,258) . . सुबह की दस्तक / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- 17:57, 5 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+841) . . न अक्सर मिलना ऐसा हुआ बस / 'अना' क़ासमी (नया पृष्ठ: अक्सर मिलना ऐसा हुआ बस लब खोले और उसने कहा बस तब से हालत ठीक नहीं …)
- 17:55, 5 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+98) . . 'अना' क़ासमी
- 17:43, 5 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (-16) . . खा जाएगा गच्चा प्यारे ख़ुद को ज़रा सम्हाल / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- 17:42, 5 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (-75) . . खा जाएगा गच्चा प्यारे ख़ुद को ज़रा सम्हाल / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- 17:35, 5 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (0) . . अब हलो हाय में ही बात हुआ करती है / 'अना' क़ासमी
- 17:34, 5 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (0) . . अब हलो हाय में ही बात हुआ करती है / 'अना' क़ासमी
- 17:33, 5 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,161) . . न अब हलो हाय में ही बात हुआ करती है / 'अना' क़ासमी (नया पृष्ठ: अब हलो हाय में ही बात हुआ करती है रास्ता चलते मुलाक़ात हुआ करती …)
- 17:27, 5 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+123) . . 'अना' क़ासमी
- 17:22, 5 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+879) . . न तेरी इन आंखों के इशारे पागल हैं / 'अना' क़ासमी (नया पृष्ठ: तेरी इन आंखों के इशारे पागल हैं इन झीलों की मौजें,धारे पागल है चा…)
- 17:20, 5 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+121) . . 'अना' क़ासमी
- 17:13, 5 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (-13) . . चलो जाओ ,हटो कर लो तुम्हें जो वार करना है / 'अना' क़ासमी
- 17:12, 5 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,674) . . न चलो जाओ ,हटो कर लो तुम्हें जो वार करना है / 'अना' क़ासमी (नया पृष्ठ: चलो जाओ ,हटो कर लो तुम्हें जो वार करना है हमें लड़ना नहीं है बस हमे…)
- 17:10, 5 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+143) . . 'अना' क़ासमी
- 19:22, 4 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,236) . . न बर्थ पर लेट के हम सो गये आसानी से / 'अना' क़ासमी (नया पृष्ठ: बर्थ पर लेट के हम सो गये आसानी से फ़ायदा कुछ तो हुआ बे सरो सामानी स…)
- 19:17, 4 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+124) . . 'अना' क़ासमी
- 19:08, 4 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,293) . . न हमारे बस का नहीं है मौला ये रोज़े-महशर हिसाब देना / 'अना' क़ासमी (नया पृष्ठ: हमारे बस का नहीं है मौला ये रोज़े महशर हिसाब देना तिरा मुसलसल सवा…)
- 19:03, 4 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,556) . . न वो अभी पूरा नहीं था हाँ मगर अच्छा लगा / 'अना' क़ासमी (नया पृष्ठ: वो अभी पूरा नहीं था हां मगर अच्छा लगा जंगले से झांकता आधा क़मर अच्…)
- 19:00, 4 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+2,164) . . न बचा ही क्या है हयात में अब सुनहरे दिन तो निपट गये हैं / 'अना' क़ासमी (नया पृष्ठ: बचा ही क्या है हयात में अब सुनहरे दिन तो निपट गये हैं यही ठिकाने के…)
- 18:45, 4 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+171) . . 'अना' क़ासमी
- 16:57, 4 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,811) . . न ऐसी करतूतों पर मेरी इस जिह्वा से गाली ही छूट गई / वीरेन्द्र खरे 'अकेला' (नया पृष्ठ: ऐसी करतूतों पर मेरी इस जिह्वा से गाली ही छूट गई देखो तो मरियल सा सा…)
- 16:46, 4 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+2,176) . . न बचा ही क्या है हयात में अब सुनहरे दिन तो निपट गये हैं/'अना' क़ासमी (नया पृष्ठ: बचा ही क्या है हयात में अब सुनहरे दिन तो निपट गये हैं: यही ठिकाने क…) (मौजूदा)
- 16:41, 4 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+173) . . 'अना' क़ासमी
- 16:28, 4 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+11) . . आँखों से दूर, सुबह के तारे चले गए / शकील बदायूँनी (मौजूदा)
- 16:24, 4 सितम्बर 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,084) . . न आँखों से दूर, सुबह के तारे चले गए / शकील बदायूँनी (नया पृष्ठ: आंखों से दूर सुब्ह के तारे चले गए नींद आ गई तो ग़म के नज़ारे चले गए …)
- 19:12, 31 अगस्त 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+2,204) . . न कर्तव्यों की नौका बातों से खेता है / वीरेन्द्र खरे 'अकेला' (नया पृष्ठ: कर्तव्यों की नौका बातों से खेता है मामा के आगे ममियारे की देता है …)
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