जॉन एलिया

| जन्म | 14 दिसम्बर 1931 | 
|---|---|
| निधन | 8 नवम्बर 2004 | 
| जन्म स्थान | अमरोहा, उत्तर प्रदेश, भारत | 
| कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
| शायद(1990), यानी(2003), गुमान(2004) | |
| विविध | |
| जीवन परिचय | |
| जॉन एलिया / परिचय | |
संग्रह
- शायद / जॉन एलिया (1990)
 - यानी / जॉन एलिया (2003)
 - गुमान / जॉन एलिया (2004)
 
प्रतिनिधि रचनाएँ
- उसके पहलू से लग के चलते हैं / जॉन एलिया
 - अजब था उसकी दिलज़ारी का अन्दाज़ / जॉन एलिया
 - लौ-ए-दिल जला दूँ क्या / जॉन एलिया
 - क्या तकल्लुफ करे ये कहने में / जॉन एलिया
 - जी ही जी में / जॉन एलिया
 - अब जुनू कब किसी के बस में है / जॉन एलिया
 - किसी लिबास की खुशबू / जॉन एलिया
 - हमारे शौक के आंसू दो / जॉन एलिया
 - बेदिली क्या यूँ ही दिल गुज़र / जॉन एलिया
 - आगे हँसते खूनी परचम / जॉन एलिया
 - सर ये फोड़िए / जॉन एलिया
 - महक उठा है आंगन इस खबर से / जॉन एलिया
 - उम्र गुज़रेगी इंतहान में क्या / जॉन एलिया
 - एक ही मुश्दा सुभो लाती है / जॉन एलिया
 - रूह प्यासी कहाँ से आती है / जॉन एलिया
 - कोई हालत नहीं ये हालत है / जॉन एलिया
 - हम के ए दिल सुखन सरापा थे / जॉन एलिया
 - मेरी अक्ल-ओ-होश की / जॉन एलिया
 - तुम हकीकत नहीं हो हसरत हो / जॉन एलिया
 - एक हुनर है जो कर गया हूँ मैं / जॉन एलिया
 - तू भी चुप है मैं भी चुप हूँ यह कैसी तन्हाई है / जॉन एलिया
 - अख़लाक़ न बरतेंगे मुदारा न करेंगे / जॉन एलिया
 - दिल ने वफ़ा के नाम पर कार-ए-जफ़ा नहीं किया / जॉन एलिया
 - ख़ामोशी कह रही है कान में क्या / जॉन एलिया
 - चार सू मेहरबाँ है चौराहा / जॉन एलिया
 - हालत-ए-हाल के सबब हालत-ए-हाल ही गई / जॉन एलिया
 - कितने ऐश उड़ाते होंगे कितने इतराते होंगे / जॉन एलिया
 - ख़ुद से हम इक नफ़स हिले भी कहाँ / जॉन एलिया
 - हम तो जैसे यहाँ के थे ही नहीं / जॉन एलिया
 - हर बार मेरे सामने आती रही हो तुम / जॉन एलिया
 - तुम जिस ज़मीन पर हो मैं / जॉन एलिया
 - जब मैं तुम्हें निशात-ए-मुहब्बत न दे सका / जॉन एलिया
 - यह गम क्या दिल की आदत है? नहीं तो / जॉन एलिया
 - अपना ख़ाका लगता हूँ / जॉन एलिया
 - बाहर गुज़ार दी कभी अंदर भी आएँगे / जॉन एलिया
 - दीद की एक आन में कार-ए-दवाम हो गया / जॉन एलिया
 - दिल का दयार-ए-ख़्वाब में दूर तलक गुज़र रहा / जॉन एलिया
 - दिल को दुनिया का है सफ़र दर-पेश / जॉन एलिया
 - दिल ने किया है क़स्द-ए-सफ़र घर समेट लो / जॉन एलिया
 - गँवाई किस की तमन्ना में ज़िंदगी मैं ने / जॉन एलिया
 - हमारे ज़ख़्म-ए-तमन्ना पुराने हो गए हैं / जॉन एलिया
 - इक ज़ख्म भी यारान-ए-बिस्मिल नहीं आने का / जॉन एलिया
 - जाने कहाँ गया वो वो जो अभी यहाँ था / जॉन एलिया
 - कोई दम भी मैं कब अंदर रहा हूँ / जॉन एलिया
 - क्या हो गया है गेसू-ए-ख़म-दार को तेरे / जॉन एलिया
 - लाज़िम है अपने आप की इमदाद कुछ करूँ / जॉन एलिया
 - न पूछ उस की जो अपने अंदर छुपा / जॉन एलिया
 - रंज है हालत-ए-सफ़र हाल-ए-क़याम रंज है / जॉन एलिया
 - शाम हुई है यार आए हैं यारों के हम-राह चलें / जॉन एलिया
 - शर्मिंदगी है हम को बहुत हम मिले तुम्हें / जॉन एलिया
 - सोचा है के अब कार-ए-मसीहा न करेंगे / जॉन एलिया
 - तुझ में पड़ा हुआ हूँ हरकत नहीं है मुझ में / जॉन एलिया
 - यादों का हिसाब रख रहा हूँ / जॉन एलिया
 - हालत-ए-हाल के सबब, हालत-ए-हाल ही गई / जॉन एलिया
 - गाहे गाहे बस अब यही हो क्या / जॉन एलिया
 - अजब इक शोर सा बरपा है कहीं / जॉन एलिया
 - शौक का रंग बुझ गया, याद के ज़ख्म भर गए / जॉन एलिया
 - जॉन! गुज़ाश्त-ए-वक्त की हालत-ए-हाल पर सलाम / जॉन एलिया
 - तमन्ना कई थे, आज दिल में उनके लिए / जॉन एलिया
 - सीना दहक रहा हो तो / जॉन एलिया