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ललित कुमार (हरियाणवी कवि)
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ललित कुमार
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जन्म | 06 जनवरी 1995 |
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जन्म स्थान | गाँव व तहसील बवानी खेड़ा, जिला भिवानी, हरियाणा (भारत) |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
ललित कुमार / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
प्रश्नावली-रचनाएँ
- मेरे प्रश्न का उत्तर देदे, जै छः-चार का ज्ञान तनै / ललित कुमार
- वेद-शास्त्र उपनिषदों का, मनै सार बतादे सारा / ललित कुमार
उतरावली-रचनाएँ
- हो! गुरू नै ऐसा ज्ञान सिखाया, मनै खोल सभा म्य गाया / ललित कुमार
- ऋषि-मुनियो नै सत्य सहार, वनखोड़ का मथन किया / ललित कुमार
प्रभु शंकरावतार
ब्रह्मज्ञान-रचनाएँ
- ब्रह्मा जी नै रची स्रष्टि, सुण इतिहास पुराणा / ललित कुमार
- ऋषि-महात्मा तप करकै, ज्ञान-गंग मै न्हागे / ललित कुमार
- हो बन्दे! मतकर मान-गुमान, या जिंदगी सुपने कैसी माया / ललित कुमार
- सिणी-सांपण बीर बिराणी, ये तीनूं-ऐ बुरी बताई / ललित कुमार
- ब्रह्मा जी नै रची स्रष्टि, फैलादी त्रिगुणी माया / ललित कुमार
भगवान विश्वकर्मा-महिमा
श्रृंगार रस-रचनाएँ
- बिजली कैसे चमके लागै, रत्ना के म्हा जड़ी हुई / ललित कुमार
- मनै पाटी कोन्या जाण, बाहण या कोण लुगाई सै / ललित कुमार
- हाथ मै इकतारा लेरी, गल मै मोहनमाला / ललित कुमार
सांग:- महाभारत
- मनै शोधके बता सहदेव, कड़ै कटै तेरहवा साल भाई / ललित कुमार
- दश दशा का भार सिर पै, ध्यान धरो सच्चे ईश्वर पै / ललित कुमार
- हाम थारी शरण मै, आगे आज महाराणी / ललित कुमार
- भगवान नै कहै सब न्याकारी, इसकी गैल होरी लाचारी / ललित कुमार
- मेरा भी घर बसज्यागा बेबे, तूं बात मानले मेरी / ललित कुमार
- मनै मत भेजै महाराणी, तेरे भाई के पास / ललित कुमार
- धर परमपिता का ध्यान, द्रोपद चाली / ललित कुमार
- चलके आगी महल मेरे मै, काम बण्या मन चाहया / ललित कुमार
- मनै महल-हवेली का के करणा, मै मदिरा लेवण आई / ललित कुमार
- तूं धर्मराज तुल न्याकारी राजा, क्यूँ अनरीति की ठाणै / ललित कुमार
- मेरे पांच पति बलवान, धरै नै ध्यान, तेरी जान का गाला सै / ललित कुमार
- वो कीचक बोलै बोल-कु-बोल, मखौल बणादे जात थारी / ललित कुमार
- क्यूँ कीचक-कीचक करती है, उस कीचक से क्यूँ डरती है / ललित कुमार
- तेरे प्यार मै पागल होगी, रोटी तक ना खाई / ललित कुमार
- सुपने के म्हा घणा विश्वास, करया ना करते माता / ललित कुमार
सांग:- महात्मा बुद्ध
- मै सारी रात रही भ्रमति, कर मेरी बात का ख्याल / ललित कुमार
- भगवान रूप होवै भूप विप्र का, कौण झूठादे बाणी नै / ललित कुमार
- महाराणी कै आश लागरी, धर्म-कर्म मै टेकी नीत / ललित कुमार
- शुद्धोधन कै होया नन्दलाल, नगर मै धूम माचगी भारी / ललित कुमार
सांग:- भगत सुदामा
- सब बणी-बणी के यार, मनै मत भेजै मिश्रानी / ललित कुमार
- 21 पीढ़ी का बैर पुराणा, ठीक नहीं सै मांगण जाणा / ललित कुमार
सांग:- शाही लकड़हारा