भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सोच को दृष्टि दो / मोना गुलाटी

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:22, 19 मई 2025 का अवतरण (इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सोच को दृष्टि दो
Monagulati Book.png
रचनाकार मोना गुलाटी
प्रकाशक अस्ति प्रकाशन
वर्ष 1995
भाषा हिन्दी
विषय कविता
विधा छन्दमुक्त
पृष्ठ 128
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।

इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ