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मुनीर नियाज़ी
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मुहम्मद मुनीर ख़ाँ नियाज़ी
जन्म | 18 अप्रैल 1928 |
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निधन | 26 दिसम्बर 2006 |
उपनाम | मुनीर |
जन्म स्थान | होशियारपुर(पंजाब
) |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
11 उर्दू और 8 पंजाबी संकलन प्रकाशित जिनमें से ‘तेज हवा और फूल’,‘पहली बात ही आखिरी थी’ , ‘एक दुआ जो मैं भूल गया था’ अत्याधिक प्रसिद्ध. | |
विविध | |
मार्च 2005 में ‘सितार-ए-इम्तियाज़’ | |
जीवन परिचय | |
मुनीर नियाज़ी / परिचय |
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- डर के किसी से छुप जाता है जैसे साँप खज़ाने में / मुनीर नियाज़ी
- गम की बारिश ने भी तेरे नक्श को धोया नहीं / मुनीर नियाज़ी
- फूल थे बादल भी था, और वो हसीं सूरत भी थी / मुनीर नियाज़ी
- ज़िंदा रहें तो क्या है जो मर जाए हम तो क्या / मुनीर नियाज़ी
- ग़म का वो ज़ोर अब मेरे और नहीं रहा / मुनीर नियाज़ी
- उस सिम्त मुझ को यार ने जाने नहीं दिया / मुनीर नियाज़ी
- उस बेवफ़ा का शहर है और हम हैं दोस्तों / मुनीर नियाज़ी
- उन से नैन मिलाकर देखो / मुनीर नियाज़ी
- तोड़ना टूटे हुये दिल का बुरा होता है / मुनीर नियाज़ी
- कभी किसी बाग़ के किनारे / मुनीर नियाज़ी
- रात बेहद चुप है / मुनीर नियाज़ी
- फूल थे बादल भी था और वो हसीं सूरत भी थी / मुनीर नियाज़ी
- वो दिन भी आने वाला है / मुनीर नियाज़ी
- मैं और मेरा ख़ुदा / मुनीर नियाज़ी
- ख़िज़ाँ / मुनीर नियाज़ी
- ख़लिश-ए-हिज्र-ए-दायमी न गई / मुनीर नियाज़ी
- ख़लिश / मुनीर नियाज़ी
- हमेशा देर कर देता हूँ मैं / मुनीर नियाज़ी
- चमन में रंग-ए-बहार उतरा तो मैंने देखा / मुनीर नियाज़ी
- बेचैन बहुत फिरना घबराये हुए रहना / मुनीर नियाज़ी
- आह! ये बारानी रात / मुनीर नियाज़ी
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