भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गौतम राजरिशी से जुड़े हुए पृष्ठ
Kavita Kosh से
नीचे दिये हुए पृष्ठ गौतम राजरिशी से जुडते हैं:
देखें (पिछले 50 | अगले 50) (20 | 50 | 100 | 250 | 500)- कितने ख़्वाबों के पर टूटे कितने उड़ने वाले हैं / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- सुबह से ही धौंस देती गर्मियों की ये दुपहरी / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- कुछ मेरी ज़िंदगी को भी आयाम दे / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- उठ ऐ क़लम संवाद कर / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- ज़ुल्फ़ से लिपटा जब तौलिया हट गया / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- आइनों पर आज जमी है काई, लिख / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- ज़िंदगी से उम्र भर तक चलने का वादा किया / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- बंधा धागे से था फिर वो बेचारा मचल उट्ठा / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- उकसाने पर हवा के आँधी से भिड़ गया है / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- धूप लुटा कर सूरज जब कंगाल हुआ / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- तेज़ हवा के इक झोंके ने जब बादल का नाम लिखा / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- हवा ये कैसी चली माजरा ये कैसा है / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- शोर है क़द-काठी का, पैमाइशों की बात हो / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- बस गई है रग-रग में बामो-दर की ख़ामोशी / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- उलझ के ज़ुल्फ़ में उनकी गुमी दिशाएँ हैं / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- गुज़र जाएगी शाम तकरार में / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- हम पर जो असर एक ज़माने से हुआ है / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- ख़ुद से ही बाज़ी लगी है / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- वो टुकड़ा रात का बिखरा हुआ सा / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- सच के लिए तूने उठाया सर, भले कुछ देर से / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- ढीठ सूरज बादलों को मुँह चिढ़ाने के लिए / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- हरी है ये ज़मीं हमसे कि हम तो इश्क़ बोते हैं / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- उफ़ ये कैसी कशिश ! बेबसी ? हाँ वही ! / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- नीली है, गुलाबी है, ये धानी है कहानी / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- पसीने में पिघलते पस्त दिन की सब थकन गुम है / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- हर्फ़ सारे खो गए और है क़लम बहकी हुई / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- ठिठुरी रातें, पतला कंबल, दीवारों की सीलन उफ़ / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- अपने पहलू में जगह गर वो ज़रा सी देंगे / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- छू लिया उसने ज़रा मुझको तो झिलमिल हुआ मैं / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- राह में चाँद जिस रोज़ चलता मिला / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- कुछ कसैली-सी मखमली बातें / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- चाँद ज़रा जब मद्धम-सा हो जाता है / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- बैठ कर जो भी सुने बात ज़ुबानी उसकी / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- उन होठों की बात न पूछो कैसे वो तरसाते हैं / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- साहिलों पर उदासी रही / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- हवा ने चाँद पर लिखी जो सिंफनी अभी अभी / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- कितने हाथों में यहाँ हैं कितने पत्थर गौर कर / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- प्रस्ताव अनुमोदित हुआ / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- बुढ़ाते ख़्वाब के होठों पे है जो क़ैद इक सिसकी / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- ख़्वाब जो भी बुना वो बुना रह गया / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- उठी जब हूक कोई मौसमों की आवाजाही से / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- कहने को कह तो दूँ कि मुहब्बत नहीं मुझे / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- यूँ उट्ठी यादों की पलटन दिल में आज अचानक से / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- ख़बर मिली है जबसे ये कि उनको हमसे प्यार है / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- इक ज़िद्दी सा ठिठका लम्हा यादों के चौबारे में / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- जब तौलिये से कसमसाकर ज़ुल्फ़ उसकी खुल गई / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- ख़्वाब की थी आँच कैसी नींद जलती रह गई / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- जो धुन निकली हवा की सिंफनी से / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- पूछे तो कोई जाकर ये कुनबों के सरदारों से / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)
- दूर क्षितिज पर सूरज चमका सुबह खड़ी है आने को / गौतम राजरिशी (← कड़ियाँ)