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+ | * [[मोहब्बत में जीना नई बात है / साइल देहलवी]] | ||
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+ | * [[वफ़ा का बंदा हूँ उल्फ़त का पासदार हूँ मैं / साइल देहलवी]] | ||
+ | * [[ज़ोम न कीजो शम्अ-रू बज़्म के सोज़-ओ-सज़ा पर / साइल देहलवी]] |
08:05, 8 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण
साइल देहलवी
जन्म | 1868 |
---|---|
निधन | 1945 |
जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
साइल देहलवी / परिचय |
ग़ज़लें
- अमानत मोहतसिब के घर शराब-ए-अर्ग़वाँ रख दी / साइल देहलवी
- बसा-औक़ात आ जाते हैं दामन से गरेबाँ में / साइल देहलवी
- हमें कहती है दुनिया ज़ख़्म-ए-दिल ज़ख्म-ए-जिगर वाले / साइल देहलवी
- हक़ ओ नाहक़ जलाना हो किसी को तो जला देना / साइल देहलवी
- होते ही जवाँ हो गए पाबंद-ए-हिजाब और / साइल देहलवी
- हज़ारों इश्क़-ए-जुनूँ-ख़ेज़ के बने क़िस्से / साइल देहलवी
- ख़िज़ाँ का जो गुलशन से पड़ जाए पाला / साइल देहलवी
- मिरे ग़ैरों से मुझ को रंज-ओ-ग़म यूँ भी है और यूँ भी / साइल देहलवी
- मोहब्बत में जीना नई बात है / साइल देहलवी
- सुना भी कभी माजरा दर्द-ओ-ग़म का किसी दिलजले की ज़बानी कहो तो / साइल देहलवी
- उड़ा सकता नहीं कोई मिरे अंदाज़-ए-शेवन को / साइल देहलवी
- वफ़ा का बंदा हूँ उल्फ़त का पासदार हूँ मैं / साइल देहलवी
- ज़ोम न कीजो शम्अ-रू बज़्म के सोज़-ओ-सज़ा पर / साइल देहलवी