भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मुखरित सम्वेदन / वीरेंद्र मिश्र" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 38: पंक्ति 38:
 
* [[उनकी मस्ती क्या मस्ती, जो तोड़ रहे हैं प्याले / वीरेंद्र मिश्र]]
 
* [[उनकी मस्ती क्या मस्ती, जो तोड़ रहे हैं प्याले / वीरेंद्र मिश्र]]
 
* [[तुमने क्यों बाँध लिया है मुझे निगाहों में / वीरेंद्र मिश्र]]
 
* [[तुमने क्यों बाँध लिया है मुझे निगाहों में / वीरेंद्र मिश्र]]
* [[तुमने मुझे बुलाया साथी जब हो गए पराए हम / वीरेंद्र मिश्र]]
+
* [[तुमने हमें बुलाया साथी जब हो गए पराए हम / वीरेंद्र मिश्र]]
* [[तू दुखि है, मैं दुखी हूँ, यह निकट परिचय हमारा / वीरेंद्र मिश्र]]
+
* [[तू दुखी है, मैं दुखी हूँ, यह निकट परिचय हमारा / वीरेंद्र मिश्र]]
 
* [[तुमने मधुवन बसा लिया है, मेरे दृग के नदी किनारे / वीरेंद्र मिश्र]]
 
* [[तुमने मधुवन बसा लिया है, मेरे दृग के नदी किनारे / वीरेंद्र मिश्र]]
 
* [[फूल बनना चाहते हो, गन्ध भी बनना पड़ेगा / वीरेंद्र मिश्र]]
 
* [[फूल बनना चाहते हो, गन्ध भी बनना पड़ेगा / वीरेंद्र मिश्र]]

11:29, 28 सितम्बर 2015 के समय का अवतरण


मुखरित सम्वेदन
Virendra Mishra (2).jpg
रचनाकार वीरेंद्र मिश्र
प्रकाशक पुस्तकायन, 2/ 4240 ए, अंसारी रोड, दरियागंज, नई दिल्ली -- 110002
वर्ष 1990
भाषा हिन्दी
विषय मुक्तक संग्रह
विधा
पृष्ठ 305
ISBN 978-93-80402-23-9
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।