भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"ग्वाल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
|जन्म= 1791 | |जन्म= 1791 | ||
|जन्मस्थान= वृंदावन | |जन्मस्थान= वृंदावन | ||
− | |कृतियाँ= | + | |कृतियाँ= यमुना लहरी,रसिकानंद,रसरंग,कृष्णजू को नखशिख,दूषनदर्पण,राधामाधव मिलन, राधा अष्टक आदि |
|मृत्यु=1871 | |मृत्यु=1871 | ||
|विविध=रीतिकाल के कवि | |विविध=रीतिकाल के कवि |
09:57, 6 अक्टूबर 2012 का अवतरण
ग्वाल
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
जन्म | 1791 |
---|---|
निधन | 1871 |
जन्म स्थान | वृंदावन |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
यमुना लहरी,रसिकानंद,रसरंग,कृष्णजू को नखशिख,दूषनदर्पण,राधामाधव मिलन, राधा अष्टक आदि | |
विविध | |
रीतिकाल के कवि | |
जीवन परिचय | |
ग्वाल / परिचय |
<sort order="asc" class="ul">
- को रति है अरु कौन रमा उमा छूटी लटैँ निचुरैँ गुयीँ मोती / ग्वाल
- झर झर झाँपै बड़े दर दर ढ़ाँपै नापै / ग्वाल
- जैसे कान्ह जान तैसे उद्धव सुजान आए / ग्वाल
- जेठ को न त्रास, जाके पास ये बिलास होंय / ग्वाल
- प्यारी आउ छात पै निहारि नए कौतुक / ग्वाल
- फाग मैं, कि बाग मैं, कि भाग मैं रही है भरि / ग्वाल
- चाहिए जरूर इनसानियत मानुस को / ग्वाल
- ग्रीषम की गजब धुकी है धूप धाम-धाम / ग्वाल
- पाय रितु ग्रीषम बिछायत बनाय, वेष / ग्वाल
- सूरज-सुता के तेज तरल तरंग ताकि / ग्वाल
- ग्रीषम की पीर के विदीर के सुनो ये साज / ग्वाल
- बरफ-सिलान की बिछायत बनाय करि/ ग्वाल
- मेष-वृष तरनि तचाइन के त्रासन तें / ग्वाल
</sort>