भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"कुम्भनदास" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 13: | पंक्ति 13: | ||
|अंग्रेज़ी नाम=kumbhan das | |अंग्रेज़ी नाम=kumbhan das | ||
}} | }} | ||
− | + | ====प्रतिनिधि रचनाएँ==== | |
* [[भक्तन को कहा सीकरी सों काम / कुम्भनदास]] | * [[भक्तन को कहा सीकरी सों काम / कुम्भनदास]] | ||
* [[कितै दिन ह्वै जु गए बिनु देखे / कुम्भनदास]] | * [[कितै दिन ह्वै जु गए बिनु देखे / कुम्भनदास]] | ||
पंक्ति 21: | पंक्ति 21: | ||
* [[बैठे लाल फूलन के चौवारे / कुम्भनदास]] | * [[बैठे लाल फूलन के चौवारे / कुम्भनदास]] | ||
* [[तुम नीके दुहि जानत गैया / कुम्भनदास]] | * [[तुम नीके दुहि जानत गैया / कुम्भनदास]] | ||
− | + | * [[संतन को कहा सीकरी सों काम / कुम्भनदास]] | |
+ | * [[रसिकिनि रस में रहत गड़ी / कुम्भनदास]] | ||
+ | * [[साँझ के साँचे बोल तिहारे / कुम्भनदास]] | ||
+ | * [[आई ऋतु चहूँदिस फूले द्रुम / कुम्भनदास]] | ||
+ | * [[हमारो दान देहो गुजरेटी / कुम्भनदास]] | ||
+ | * [[गाय सब गोवर्धन तें आईं / कुम्भनदास]] | ||
+ | * [[भक्त इच्छा पूरन श्री यमुने जु करता / कुम्भनदास]] | ||
+ | * [[श्री यमुने पर तन मन धन प्राण वारो / कुम्भनदास]] | ||
+ | * [[श्री यमुने अगनित गुन गिने न जाई / कुम्भनदास]] | ||
+ | * [[श्री यमुने रस खान को शीश नांऊ / कुम्भनदास]] | ||
+ | |||
{{भक्तिकालीन रचनाकार}} | {{भक्तिकालीन रचनाकार}} | ||
− | + | {{KKAshtachhaap}} |
09:14, 16 मई 2014 का अवतरण
कुम्भनदास
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
जन्म | 1468 ई. अनुमानित |
---|---|
निधन | 1582 ई. अनुमानित |
जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
रीतिकाल के कवि | |
जीवन परिचय | |
कुम्भनदास / परिचय |
प्रतिनिधि रचनाएँ
- भक्तन को कहा सीकरी सों काम / कुम्भनदास
- कितै दिन ह्वै जु गए बिनु देखे / कुम्भनदास
- माई हौं गिरधरन के गुन गाऊँ / कुम्भनदास
- कहा करौं वह मूरति जिय ते न टरई / कुम्भनदास
- सीतल सदन में सीतल भोजन भयौ / कुम्भनदास
- बैठे लाल फूलन के चौवारे / कुम्भनदास
- तुम नीके दुहि जानत गैया / कुम्भनदास
- संतन को कहा सीकरी सों काम / कुम्भनदास
- रसिकिनि रस में रहत गड़ी / कुम्भनदास
- साँझ के साँचे बोल तिहारे / कुम्भनदास
- आई ऋतु चहूँदिस फूले द्रुम / कुम्भनदास
- हमारो दान देहो गुजरेटी / कुम्भनदास
- गाय सब गोवर्धन तें आईं / कुम्भनदास
- भक्त इच्छा पूरन श्री यमुने जु करता / कुम्भनदास
- श्री यमुने पर तन मन धन प्राण वारो / कुम्भनदास
- श्री यमुने अगनित गुन गिने न जाई / कुम्भनदास
- श्री यमुने रस खान को शीश नांऊ / कुम्भनदास
भक्तिकालीन रचनाकार | ||
ज्ञानाश्रयी शाखा | कबीर • रैदास • मलूकदास • दादू दयाल • गुरु नानकदेव • सुंदरदास • धनी धरमदास | |
प्रेमाश्रयी शाखा | कुतबन • मंझन • मलिक मोहम्मद जायसी • उसमान • शेख नबी • कासिमशाह • नूर मुहम्मद | |
रामाश्रयी शाखा | तुलसीदास • अग्रदास • प्राणचंद चौहान • हृदयराम | |
कृष्णाश्रयी शाखा | वल्लभाचार्य • अष्टछाप ( सूरदास • कुम्भनदास • परमानंददास • कृष्णदास • छीतस्वामी • गोविन्दस्वामी • चतुर्भुजदास • नंददास ) • हितहरिवंश • गदाधर भट्ट • मीराबाई • हरिदास • सूरदास मदनमोहन • श्रीभट्ट • हरिराम व्यास • रसखान • ध्रुवदास |
|
अन्य कवि | छीहल • लालचदास • कृपाराम • नरहरि बंदीजन • नरोत्तमदास • आलम • टोडरमल • बीरबल • गँग • मनोहर कवि • बलभद्र मिश्र • जमाल • केशवदास • होलराय • रहीम • कादिर • मुबारक • बनारसीदास • सेनापति • पुहकर कवि • सुँदर • लाल कवि | |
अष्टछाप | ||
महाप्रभु श्री वल्लभाचार्य जी एवं उनके पुत्र श्री विट्ठलनाथ जी द्वारा संस्थापित 8 भक्तिकालीन कवि, जिन्होंने अपने विभिन्न पदों एवं कीर्तनों के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का गुणगान किया। और अधिक जानें... | ||
अष्टछाप के कवि: सूरदास । नंददास । परमानंददास । कुम्भनदास । चतुर्भुजदास । छीतस्वामी । गोविन्दस्वामी |