भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"कमलेश भट्ट 'कमल'" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(→कमलेश भट्ट 'कमल' की रचनाएँ) |
|||
पंक्ति 29: | पंक्ति 29: | ||
* [[पास रक्खेगी नहीं / कमलेश भट्ट 'कमल']] | * [[पास रक्खेगी नहीं / कमलेश भट्ट 'कमल']] | ||
* [[टूटते भी हैं‚ मगर देखे / कमलेश भट्ट 'कमल']] | * [[टूटते भी हैं‚ मगर देखे / कमलेश भट्ट 'कमल']] | ||
+ | * [[नाउमीदी में भी गुल / कमलेश भट्ट 'कमल']] | ||
+ | * [[हादसों की बात पर / कमलेश भट्ट 'कमल']] | ||
+ | * [[आँखों में सपने रहे / कमलेश भट्ट 'कमल']] | ||
+ | * [[आदमी की कब / कमलेश भट्ट 'कमल']] | ||
+ | * [[कौन जाने इस शहर को / कमलेश भट्ट 'कमल']] | ||
+ | * [[आपने उसकी तबाही का / कमलेश भट्ट 'कमल']] | ||
+ | * [[याद आए तो आँख भर आए / कमलेश भट्ट 'कमल']] | ||
+ | * [[बनाए घर गरीबों के / कमलेश भट्ट 'कमल']] | ||
+ | * [[वो शहर था, वो कोई / कमलेश भट्ट 'कमल']] | ||
+ | * [[कभी इसकी तरफदारी / कमलेश भट्ट 'कमल']] |
15:14, 13 जनवरी 2007 का अवतरण
कमलेश भट्ट 'कमल' की रचनाएँ
कमलेश भट्ट 'कमल'
जन्म | 13 फरवरी 1959 |
---|---|
उपनाम | कमल |
जन्म स्थान | सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
त्रिवेणी एक्सप्रेस, चिट्ठी आई है, शंख सीपी रेत पानी (ग़ज़ल संग्रह) | |
विविध | |
ग़ज़ल, कहानी, हाइकु, साक्षात्कार, निबन्ध, समीक्षा एवं बाल-साहित्य आदि विधाओं में कृतियाँ | |
जीवन परिचय | |
कमलेश भट्ट 'कमल' / परिचय |
- भले ही मुल्क के / कमलेश भट्ट 'कमल'
- बेशक छोटे हों लेकिन / कमलेश भट्ट 'कमल'
- सफलता पाँव चूमे / कमलेश भट्ट 'कमल'
- अपना मन होता है / कमलेश भट्ट 'कमल'
- मन नहीं बदले अगर / कमलेश भट्ट 'कमल'
- कभी सुख का समय बीता / कमलेश भट्ट 'कमल'
- मुश्किलों से जूझता / कमलेश भट्ट 'कमल'
- आदमी को खुशी से / कमलेश भट्ट 'कमल'
- किसे मालूम‚ चेहरे कितने / कमलेश भट्ट 'कमल'
- एक चादर–सी उजालों की / कमलेश भट्ट 'कमल'
- वृक्ष अपने ज़ख्म आखिर / कमलेश भट्ट 'कमल'
- पत्थरों का शहर / कमलेश भट्ट 'कमल'
- पेड, कटे तो छाँव कटी फिर / कमलेश भट्ट 'कमल'
- समन्दर में उतर जाते हैं / कमलेश भट्ट 'कमल'
- समय के साथ भी उसने / कमलेश भट्ट 'कमल'
- पास रक्खेगी नहीं / कमलेश भट्ट 'कमल'
- टूटते भी हैं‚ मगर देखे / कमलेश भट्ट 'कमल'
- नाउमीदी में भी गुल / कमलेश भट्ट 'कमल'
- हादसों की बात पर / कमलेश भट्ट 'कमल'
- आँखों में सपने रहे / कमलेश भट्ट 'कमल'
- आदमी की कब / कमलेश भट्ट 'कमल'
- कौन जाने इस शहर को / कमलेश भट्ट 'कमल'
- आपने उसकी तबाही का / कमलेश भट्ट 'कमल'
- याद आए तो आँख भर आए / कमलेश भट्ट 'कमल'
- बनाए घर गरीबों के / कमलेश भट्ट 'कमल'
- वो शहर था, वो कोई / कमलेश भट्ट 'कमल'
- कभी इसकी तरफदारी / कमलेश भट्ट 'कमल'