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* [[अर्थ खोना जमीन का / लोग ही चुनेंगे रंग]]
 
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* [[एक समूची दुनिया होती है वह / लोग ही चुनेंगे रंग]]
 
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15:23, 10 अक्टूबर 2010 का अवतरण


लोग ही चुनेंगे रंग
रचनाकार लाल्टू
प्रकाशक शिल्पायन, 10295, लेन नम्बर-1, वैस्ट गोरखपार्क, शाहदरा, दिल्ली-110032
वर्ष 2010
भाषा हिन्दी
विषय
विधा
पृष्ठ 92
ISBN
विविध
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