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+ | * [[दीवारों को घर समझा था / कुमार अनिल]] | ||
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+ | * [[महफ़िल में तनहा रहता हूँ / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[हर अनहोनी बात बदल दें / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[आज जो आपको सुनानी है / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[इतना छोटा कद बच्चों का / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[जीवन की सुनसान डगर में / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[होटों को सच्चाई दे / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[मुद्दत से आँख नहीं झपकी / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[हम हैं हिन्दू मुसलमान बस / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[रात गुजरी है यूं चरागों ki / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[अब न किस्से छेड़ राजा रानियों के / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[प्रश्न सारे आज उत्तर मांगते हैं / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[वो बहुत बेजुबान है लेकिन / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[प्यार की पीर को समझता हूँ / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[हमारी आँख जो पुरनम नहीं है / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[वक्त का तीर चल गया देखो / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[वो मेरी आँख में खुशरंग ख्वाब छोड़ गया / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[रहने दे जिद मत कर नाहक मन भी जा / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[ओइंजरे से पंछी उड़ने में वक्त नहीं लगता / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[झूठ, सच, नेकी, बदी सबका सिला मालूम है / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[यद् रखना जो हुए घर से जो बेघर आंसू / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[गम की धूप , विरह के बदल, आँसू की बरसाते हैं / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[यहाँ हर आँख से सपना अलग है / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[शबे गम की सहर नहीं होती / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[दिल को यूं मायूस नहीं कर रहने दे / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[प्यार के बंधन तुम्हारे जब से ढीले हो गए / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[नजरें न यूं चुराओ की मौसम उदास है / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[ तुम्हारा गम छुपाना आ गया है / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[तेरा मेरा इक रिश्ता है / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[ और कुछ देर हंस हंसा लें चलो / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[प्रीतम चंदा से मिलने को आई थी बन दुल्हन शाम / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[ पखेरू सपनो के सुन्दर उड़ा उड़ा के गया / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[ हवा के झोकों में मद्धम सी सरसराहट है / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[छिपा हुआ हो चंदा जो बदल में कुछ / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[आइनों का नगर देखते / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[वो जो हमसे बिछड़ने लगे / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[इस बरस होली का त्यौहार मनाएं कैसे / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[जगमग जगमग दीप जलाती आई एक दिवाली और / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[नए वर्ष की नई सुबह का स्वागत कर लें / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[आप खुशियाँ मनाएं नए साल में / कुमार अनिल]] | ||
+ | * [[है जारी लूट हत्या का घिनौना सिलसिला अब तक / कुमार अनिल]] | ||
+ | </poem></poem> |
22:03, 4 दिसम्बर 2010 का अवतरण
और कब तक चुप रहें (ग़ज़ल-संग्रह)
रचनाकार | कुमार अनिल |
---|---|
प्रकाशक | Navdha प्रकाशन |
वर्ष | 2005 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | (ग़ज़ल-संग्रह) |
विधा | |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
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- और कब तक चुप रहें / कुमार अनिल
</poem>* बने हुए हैं इस नगरी में / कुमार अनिल
- हर शख्स है लुटा लुटा / कुमारअनिल
- हर तरफ इक सनसनी है / कुमार अनिल
- मैं बनाने चला हूँ वो इक आशियाँ / कुमार अनिल
- बड़ा अजीब सा मंजर दिखाई देता है / कुमार अनिल
- ठहरा है झील का पानी तो उठा लो पत्थर / कुमार अनिल
- जितने भी लोग मुझे कल सरे बाज़ार मिले / कुमार अनिल
- जितने भी लोग मुझे कल सरे बाज़ार मिले / कुमार अनिल
- वो शख्स एक समंदर जो सबको लगता था / कुमार अनिल
- कौन किसको क्या बताये क्या हुआ / कुमार अनिल
- व्यक्ति का आचरण विषैला है / कुमार अनिल
- पत्थर बचे है एक भी शीशा नहीं बचा / कुमार अनिल
- घटा से चाँद की सूरत निकल रहा हूँ मैं / कुमार अनिल
- सरे शहर में एक भी तो घर बचा नहीं / कुमार अनिल
- निकल आये किधर हम बेखुदी में / कुमार अनिल
- मल्लाह बन के बैठे थे कल तक जो नव me / कुमार अनिल
- कभी तो चेहरे से चेहरा हटा के बात करो / कुमार अनिल
- सिर्फ मेरा ही नहीं था ये शहर तेरा भी tha / कुमार अनिल
- इस तरह तारीकियों के हल निकले जायेंगे / कुमार अनिल
- घाट मुर्दा है, गली मुर्दा है घर मुर्दा hai / कुमार अनिल
- कतरा रहें है आज कल पंच्छी उड़ान से / कुमार अनिल
- इस शहर में ये अजब यारो तमाशा देखा / कुमार अनिल
- जाने किसकी साजिश है ये / कुमार अनिल
- आऊंगा मै मेरी राहों को सजाये रखना / कुमार अनिल
- अपनी कुशियाँ, अपने सपने सब के सब बेकार हुए / कुमार अनिल
- हिन्दू है कोई, कोई मुसलमान शहर में / कुमार अनिल
- दीवारों को घर समझा था / कुमार अनिल
- सबकी आँखों में झांकता हूँ मै / कुमार अनिल
- महफ़िल में तनहा रहता हूँ / कुमार अनिल
- हर अनहोनी बात बदल दें / कुमार अनिल
- आज जो आपको सुनानी है / कुमार अनिल
- इतना छोटा कद बच्चों का / कुमार अनिल
- जीवन की सुनसान डगर में / कुमार अनिल
- होटों को सच्चाई दे / कुमार अनिल
- मुद्दत से आँख नहीं झपकी / कुमार अनिल
- हम हैं हिन्दू मुसलमान बस / कुमार अनिल
- रात गुजरी है यूं चरागों ki / कुमार अनिल
- अब न किस्से छेड़ राजा रानियों के / कुमार अनिल
- प्रश्न सारे आज उत्तर मांगते हैं / कुमार अनिल
- वो बहुत बेजुबान है लेकिन / कुमार अनिल
- प्यार की पीर को समझता हूँ / कुमार अनिल
- हमारी आँख जो पुरनम नहीं है / कुमार अनिल
- वक्त का तीर चल गया देखो / कुमार अनिल
- वो मेरी आँख में खुशरंग ख्वाब छोड़ गया / कुमार अनिल
- रहने दे जिद मत कर नाहक मन भी जा / कुमार अनिल
- ओइंजरे से पंछी उड़ने में वक्त नहीं लगता / कुमार अनिल
- झूठ, सच, नेकी, बदी सबका सिला मालूम है / कुमार अनिल
- यद् रखना जो हुए घर से जो बेघर आंसू / कुमार अनिल
- गम की धूप , विरह के बदल, आँसू की बरसाते हैं / कुमार अनिल
- यहाँ हर आँख से सपना अलग है / कुमार अनिल
- शबे गम की सहर नहीं होती / कुमार अनिल
- दिल को यूं मायूस नहीं कर रहने दे / कुमार अनिल
- प्यार के बंधन तुम्हारे जब से ढीले हो गए / कुमार अनिल
- नजरें न यूं चुराओ की मौसम उदास है / कुमार अनिल
- तुम्हारा गम छुपाना आ गया है / कुमार अनिल
- तेरा मेरा इक रिश्ता है / कुमार अनिल
- और कुछ देर हंस हंसा लें चलो / कुमार अनिल
- प्रीतम चंदा से मिलने को आई थी बन दुल्हन शाम / कुमार अनिल
- पखेरू सपनो के सुन्दर उड़ा उड़ा के गया / कुमार अनिल
- हवा के झोकों में मद्धम सी सरसराहट है / कुमार अनिल
- छिपा हुआ हो चंदा जो बदल में कुछ / कुमार अनिल
- आइनों का नगर देखते / कुमार अनिल
- वो जो हमसे बिछड़ने लगे / कुमार अनिल
- इस बरस होली का त्यौहार मनाएं कैसे / कुमार अनिल
- जगमग जगमग दीप जलाती आई एक दिवाली और / कुमार अनिल
- नए वर्ष की नई सुबह का स्वागत कर लें / कुमार अनिल
- आप खुशियाँ मनाएं नए साल में / कुमार अनिल
- है जारी लूट हत्या का घिनौना सिलसिला अब तक / कुमार अनिल
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