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|जन्मस्थान= किशनपुरो (चूरू) | |जन्मस्थान= किशनपुरो (चूरू) | ||
|कृतियाँ= डांखळा, ग-गीत, चित मारो दुख नै, सौ सॉनेट, चिड़ी री बोली लिखो, वनदेवी अमृता | |कृतियाँ= डांखळा, ग-गीत, चित मारो दुख नै, सौ सॉनेट, चिड़ी री बोली लिखो, वनदेवी अमृता |
07:29, 14 अप्रैल 2023 के समय का अवतरण
मोहन आलोक
जन्म | 03 जुलाई 1942 |
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निधन | 19 अप्रैल 2021 |
उपनाम | आलोक |
जन्म स्थान | किशनपुरो (चूरू) |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
डांखळा, ग-गीत, चित मारो दुख नै, सौ सॉनेट, चिड़ी री बोली लिखो, वनदेवी अमृता | |
विविध | |
"ग-गीत" के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार तथा "ग-गीत" नाम से हिंदी में कृति साहित्य अकादेमी द्वारा प्रकाशित। | |
जीवन परिचय | |
मोहन आलोक / परिचय |
विषय सूची
राजस्थानी कविता-संग्रह
- डांखळा / मोहन आलोक
- ग-गीत / मोहन आलोक
- चित मारो दुख नै / मोहन आलोक
- सौ सॉनेट / मोहन आलोक
- चिड़ी री बोली लिखो / मोहन आलोक
- वनदेवी : अमृता / मोहन आलोक
राजस्थानी से हिंदी में अनूदित कविता संग्रह
मूल राजस्थानी कविताएँ
- रचना. / मोहन आलोक
- सानेट/ मोहन आलोक
- दूहा / मोहन आलोक
- नक्सौ / मोहन आलोक
- क्लर्क रौ गीत / मोहन आलोक
- बावड़ा भीड़ सूं / मोहन आलोक
- आओ / मोहन आलोक
राजस्थानी से अनूदित
- शब्द होती है कविता / मोहन आलोक
- कविता में / मोहन आलोक
- शांति गीत / मोहन आलोक
- रचना / मोहन आलोक
- चिड़या की बोली लिखो / मोहन आलोक
- फूल के करीब जाइए / मोहन आलोक
- कविता / मोहन आलोक
- हम कला के पारखी / मोहन आलोक
- ख्याल / मोहन आलोक
- मैं हूं जब तक / मोहन आलोक
- रो कवि, रो ! / मोहन आलोक
- आप / मोहन आलोक
- मां-एक / मोहन आलोक
- मां-दो / मोहन आलोक
- आग / मोहन आलोक
- / मोहन आलोक