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* [[यूँ ही बेसबब न फिरा करो / बशीर बद्र]]  | * [[यूँ ही बेसबब न फिरा करो / बशीर बद्र]]  | ||
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06:11, 14 नवम्बर 2006 का अवतरण
परिचय
बशीर बद्र की रचनाएं
- कोई फूल / बशीर बद्र
 - सर झुकाओगे तो / बशीर बद्र
 - हमारा दिल / बशीर बद्र
 - कभी यूँ भी आ / बशीर बद्र
 - आ चाँदनी भी मेरी तरह जाग रही है / बशीर बद्र
 - आँसूओं की जहाँ पायमाली रही / बशीर बद्र
 - आस होगी न आसरा होगा / बशीर बद्र
 - अब किसे चाहें किसे ढूँढा करें / बशीर बद्र
 - अभी इस तरफ़ न निगाह कर / बशीर बद्र
 - अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जायेगा / बशीर बद्र
 - ऐ हुस्न-ए-बेपरवाह तुझे शबनम कहूँ शोला कहूँ / बशीर बद्र
 - ऐसा लगता है ज़िन्दगी तुम हो / बशीर बद्र
 - भीगी हुई आँखों का ये मन्ज़र न मिलेगा / बशीर बद्र
 - भूल शायद बहुत बड़ी कर ली / बशीर बद्र
 - दुआ करो कि ये पौधा सदा हरा ही लगे / बशीर बद्र
 - दूसरों को हमारी सज़ायें न दे / बशीर बद्र
 - एक चेहरा साथ साथ रहा जो मिला नहीं / बशीर बद्र
 - गाँव मिट जायेगा शहर जल जायेगा / बशीर बद्र
 - ग़म छुपाते रहे मुस्कुराते रहे / बशीर बद्र
 - होंठों पे मुहब्बत के फ़साने नहीं आते / बशीर बद्र
 - जहाँ पेड़ पर चार दाने लगे / बशीर बद्र
 - कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे जाम हो जाये / बशीर बद्र
 - कहाँ आँसूओं की ये सौग़ात होगी / बशीर बद्र
 - कहीं चाँद राहों में खो गया / बशीर बद्र
 - कौन आया रास्ते आईनाख़ाने हो गये / बशीर बद्र
 - ख़ुदा हम को ऐसी ख़ुदाई न दे / बशीर बद्र
 - ख़ुश रहे या बहुत उदास रहे / बशीर बद्र
 - ख़ुशबू की तरह आया वो तेज़ हवाओं में / बशीर बद्र
 - ख़्वाब इन आँखों से अब कोई चुरा कर ले जाये / बशीर बद्र
 - किस ने मुझ को सदा दी बता कौन है / बशीर बद्र
 - कोई काँटा चुभा नहीं होता / बशीर बद्र
 - कुछ तो मैं भी बहुत दिल का कमज़ोर हूँ / बशीर बद्र
 - लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में / बशीर बद्र
 - मान मौसम का कहा छाई घटा जाम उठा / बशीर बद्र
 - मैं भी शायद बुरा नहीं होता / बशीर बद्र
 - मिल भी जाते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं / बशीर बद्र
 - मेरे साथ तुम भी दुआ करो / बशीर बद्र
 - मोम की ज़िन्दगी घुला करना / बशीर बद्र
 - मुहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला / बशीर बद्र
 - मुझ से बिछड़ के ख़ुश रहते हो / बशीर बद्र
 - मुसाफ़िर के रस्ते बदलते रहे / बशीर बद्र
 - मुस्कुराती हुई धनक है वही / बशीर बद्र
 - न जी भर के देखा न कुछ बात की / बशीर बद्र
 - पत्थर के जिगर वालों ग़म में वो रवानी है / बशीर बद्र
 - सर पे साया सा दस्त-ए-दुआ याद है / बशीर बद्र
 - सर से चादर बदन से क़बा ले गई / बशीर बद्र
 - सौ ख़ुलूस बातों में सब करम ख़यालों में / बशीर बद्र
 - शबनम के आँसू फूल पर / बशीर बद्र
 - सिसकते आब में किस की सदा है / बशीर बद्र
 - सियाहियों के बने हर्फ़ हर्फ़ धोते हैं / बशीर बद्र
 - सोचा नहीं अछा बुरा देखा सुना कुछ भी नहीं / बशीर बद्र
 - सुन ली जो ख़ुदा ने वो दुआ तुम तो नहीं हो / बशीर बद्र
 - उदास आँखों से आँसू नहीं निकलते हैं / बशीर बद्र
 - वही ताज है वही तख़्त है / बशीर बद्र
 - वो चाँदनी का बदन ख़ुशबूओं का साया है / बशीर बद्र
 - वो ग़ज़ल वालों का उस्लूब समझते होंगे / बशीर बद्र
 - वो थका हुआ मेरी बाहों में / बशीर बद्र
 - याद किसी की चाँदनी बन कर / बशीर बद्र
 - ये चाँदनी भी जिन को छूते हुए डरती है / बशीर बद्र
 - ये चिराग़ बेनज़र है ये सितारा बेज़ुबाँ है / बशीर बद्र
 - यूँ ही बेसबब न फिरा करो / बशीर बद्र
 - चंद शेर / बशीर बद्र
 
	
	