भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
ज़िन्दाँनामा / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:13, 9 मार्च 2011 का अवतरण
ज़िन्दाँनामा
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार | फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | उर्दू-हिन्दी |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
ग़ज़लें
- शेख़ साहब से रस्मो-राह न की / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- सब क़त्ल होके तेरे मुक़ाबिल से आए हैं / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- सितम की रस्में बहुत थीं लेकिन / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- शामे-फ़िराक़ अब न पूछ, आई और आके टल गई / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- रहे-ख़िजाँ में तलाशे-बहार करते रहे / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- बात बस से निकल चली है / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- शाख़ पर ख़ूने-गुल रवाँ है वही / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- कब याद में तेरा साथ नहीं / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- हम पर तुम्हारी चाह का इल्ज़ाम ही तो है / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- गुलों में रंग भरे बादे-नौबहार चले / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- कुछ मुहतसिबों की ख़ल्बत में / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- गर्मि-ए-शौक़े-नज़ारा का असर तो देखो / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- यूँ बहार आई है इस बार कि जैसे क़ासिद / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- सुबह की आज जो रंगत है वो पहले तो न थी / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- तिरी उमीद, तिरा इंतज़ार जब से है / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- बिसाते-रक़्स पे सद शर्क़ो-ग़रब से सरे-शाम / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्में
- ऐ हबीबे अं'बरदस्त / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- मुलाक़ात / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- वासोख़्त / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- ऐ रौशनियों के शहर / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- हम जो तारीक राहों में मारे गए / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- दरीचा / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- दर्द आएगा दबे पाँव / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- अफ़्रीका कम बैक / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- यह फ़स्ल उमीदों की हमदम / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- बुनियाद कुछ तो हो / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- कोई आशिक़ किसी महबूबः से / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- अगस्त 1955 / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़