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अपनी ज़मीन से / प्रेम भारद्वाज
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अपनी ज़मीन से
रचनाकार | प्रेम भारद्वाज |
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प्रकाशक | बृज प्रकाशन
, नगरोटा बगवाँ |
वर्ष | 2006 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | ग़ज़ल संग्रह |
विधा | |
पृष्ठ | 95 |
ISBN | |
विविध |
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- हम उम्र भर उदास रहे मौसमों के बीच / प्रेम भारद्वाज
- ऋषियों विचारकों की है पूजास्थली पहाड़ / प्रेम भारद्वाज
- रहनुमा अपनी कमाई में लगे हैं / प्रेम भारद्वाज
- जब सफ़र थोड़ा भयानक हो गया / प्रेम भारद्वाज
- दुनिया आनी जानी भी है / प्रेम भारद्वाज
- पड़े पीछे तो हो यूँ हाथ धो कर / प्रेम भारद्वाज
- जिसमें किस्मत ढो जाने की है तासीर / प्रेम भारद्वाज
- जितनी गहरी पोल है बाबा / प्रेम भारद्वाज
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- हश्र उतना बुरा नहीं होता / प्रेम भारद्वाज
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बनी रहे / प्रेम भारद्वाज]]
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- राहों में कम काँटे बोती / प्रेम भारद्वाज
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- आ गए भक्तजन भी ताकत में / प्रेम भारद्वाज
- तमन्ना जब हक़ीक़त से लड़ी है / प्रेम भारद्वाज
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- फिर वही रोना पुराना हो गया है / प्रेम भारद्वाज
- हमें तुम से नहीं कोई गिला है / प्रेम भारद्वाज
- भार बेवजह दिल पे लादा है / प्रेम भारद्वाज
- करेंगी क्या वहाँ काली घटाएँ / प्रेम भारद्वाज
- पीठ पीछे ही दनदनाती है / प्रेम भारद्वाज
- मरने के सामान बहुत हैं / प्रेम भारद्वाज
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- टोकना अपनी जगह / प्रेम भारद्वाज
- ज़िन्दगी इस बार से नाराज़ है / प्रेम भारद्वाज
- तन तो जाएँ तन के आगे / प्रेम भारद्वाज
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- निष्ठाओं,आस्थाओं का उपहास किस लिए / प्रेम भारद्वाज
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