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फ़ाज़िल जमीली
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फ़ाज़िल जमीली
जन्म | 1968 |
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जन्म स्थान | पिंड खान खेल, हरीपुर हज़ारा, पाकिस्तान |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
इनकी कविताओं ’आलमी मक़तूल’ और ’इक्क़बाल-ए-जुर्म’ से उर्दू कविता में एक नया आयाम आया है, यह माना जाता है। इन दिनों पाकिस्तानी अख़बार ’ डेली जंग’ के सम्पादक। उससे पहले समा टी०वी० में सम्पादक। उससे पहले आजकल दैनिक में सम्पादक। उससे भी पहले दैनिक ’अवाम’ के वरिष्ठ सम्पादक। | |
जीवन परिचय | |
फ़ाज़िल जमीली / परिचय |
- गुज़रती है जो दिल पर वो कहानी याद रखता हूँ / फ़ाज़िल जमीली
- ख़िज़ाँ का रंग दरख़्तों पे आ के बैठ गया / फ़ाज़िल जमीली
- ख़्वाब में देख रहा हूँ के हक़ीक़त में उसे / फ़ाज़िल जमीली
- मेरे होटों पे तेरे नाम की लरज़िश तो नहीं / फ़ाज़िल जमीली
- मेरे वजूद को परछाइयों ने तोड़ दिया / फ़ाज़िल जमीली
- मिसाल-ए-शम्मा जला हूँ धुआँ सा बिखरा हूँ / फ़ाज़िल जमीली
- सुफ़ेद-पोशी-ए-दिल का भरम भी रखना है / फ़ाज़िल जमीली
- ज़िंदगानी को अदम-आबाद ले जाने लगा / फ़ाज़िल जमीली
- मैं तुम्हें याद भी आया के नहीं / फ़ाज़िल जमीली
- चौदह फ़रवरी / फ़ाज़िल जमीली
- आलमी मक़तूल / फ़ाज़िल जमीली
- बच्चों के लिए एक नज़्म / फ़ाज़िल जमीली
- इक़बाल-ए-जुर्म / फ़ाज़िल जमीली
- ख़्वाब / फ़ाज़िल जमीली
- मौहब्बत / फ़ाज़िल जमीली
- उसे क्या ख़बर है / फ़ाज़िल जमीली
- समन्दर पे याद आने वाली एक नज़्म / फ़ाज़िल जमीली
- थकन / फ़ाज़िल जमीली
- याद / फ़ाज़िल जमीली
- सूरतों में, सरों में औरत है / फ़ाज़िल जमीली
- दिलदारी-ए-जानाँ को लपकते चले जाएँ / फ़ाज़िल जमीली
- दिलों के साथ रहेगी दिलों की तन्हाई / फ़ाज़िल जमीली